Baran News: बारां के शाहाबाद-किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में सर्वे के दौरान कुपोषित बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. रोज नए कुपोषित मरीज बढ़ रहे हैं. सरकार की कल्याणकारी योजनाएं फेल नजर आ रही हैं. हर माह लाखों करोड़ों खर्च करने के बाद मासूम कुपोषण से मौत के कगार पर पहुंच रहे हैं.
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Baran News: बारां के शाहाबाद-किशनगंज विधानसभा क्षेत्र में सर्वे के दौरान कुपोषित बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. रोज नए कुपोषित मरीज बढ़ रहे हैं. सरकार की कल्याणकारी योजनाएं फेल नजर आ रही हैं. हर माह लाखों करोड़ों खर्च करने के बाद मासूम कुपोषण से मौत के कगार पर पहुंच रहे हैं. शाहाबाद एमटीसी में भर्ती कुपोषित बच्चों की संख्या 124 पर पहुंच गई है. इस दौरान बारां एमटीसी में 53 कुपोषित बच्चे भर्ती हुए हैं. अब तक कुल 177 कुपोषित बच्चों को बारां व शाहाबाद एमटीसी में भर्ती रखकर उपचार दिया जा रहा है.
अलर्ट मोड पर है प्रशासन
करीब एक सप्ताह पूर्व एक कुपोषित बालक को उपचार नहीं मिलने का मामला सामने आने के बाद से प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया है. कलेक्टर के निर्देश के बाद चिकित्सा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग की टीमें गांव, ढाणी में पहुंचकर सर्वे कर रही हैं. इस दौरान मिल रहे कुपोषित और उपचार की आवश्यकता वाले बच्चों को एमटीसी रैफर किया जा रहा है. सात दिन पहले शाहाबाद एमटीसी में सिर्फ 6 कुपोषित बच्चे भर्ती थे. सर्वे के बाद इनकी संख्या 124 पर पहुंच गई है.
शाहाबाद एमसीटी पहुंची उपनिदेशक
बाल विकास परियोजना विभाग की उपनिदेशक नीरू सांखला ने शाहाबाद एमटीसी वार्ड पहुंची. साथ ही क्षेत्रीय विधायक ललित मीणा भी पहुंचे और कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में परिजनों से जानकारी लेते हुए चिकित्सा कर्मियों को निर्देश दिए. विधायक मीणा ने बताया कि एमटीसी वाडों की मांग को लेकर सरकार को चिट्ठी लिखी है. इसके लिए अतिरिक्त बजट और पीएम जनमन योजना में शामिल कर एमटीसी भवन निर्माण करने की मांग की है. कुपोषित मिले 124 बच्चों का उपचार चल रहा है. स्वास्थ्य कर्मियों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्देशित कर सर्वे अभियान चलाया जा रहा है.
बेहतर चिकित्सा देने के लिए प्रयासरत स्टाफ
शाहाबाद क्षेत्र में दशकों से कुपोषण के मामले सामने आ रहे हैं. क्षेत्रवासियों का कहना है कि शाहाबाद जिला मुख्यालय से 85 किमी दूर स्थित है. यहां मध्य प्रदेश बॉर्डर के गांव की दूरी 70 किमी तक है. ऐसे में दुर्गम व दूरदराज के इलाकों की आबादी शाहाबाद सीएचसी पर ही उपचार के लिए निर्भर है. यहां उपलब्ध स्टाफ बेहतर चिकित्सा देने के लिए प्रयासरत है. यहां संसाधनों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण परेशानी होती है. शाहाबाद सीएचसी को उप जिला अस्पताल में क्रमोन्नत किया जाए. जिससे कुपोषण सहित अन्य बीमारियों का उपचार वंचित वर्ग के लोगों को उपखंड मुख्यालय पर मिल सके.
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