राजस्थान में रिवाज को बरकरार रखते हुए आखिरकार मरूधरा की जनता ने प्रदेश के अगले पांच साल के लिए बीजेपी को स्वीकार कर लिया है. वहीं दूसरी तरफ 2023 के विधानसभा चुनाव में सीएम गहलोत के 14 मंत्रियों को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है.इस लिस्ट में गहलोत के कई बड़े चेहरे है.
राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. रविवार 3 दिसंबर को हुई वोटों की गिनती के बाद. राजस्थान की कोटपुतली पर बीजेपी के हंसराज पटेल को जीत मिली है. उन्होंने कांग्रेस के राजेंद्र सिंह यादव को 321 वोटों से शिकस्त दी.
डीग कुम्हेर सीट पर मंत्री विश्वेंद्र सिंह (कांग्रेस) 7895 मतों से हारे हैं. उन्हें इस बार मरूधरा की जनता ने धुरंधर का खिताव हासिल करने से रोक दिया.
डीग कुम्हेर सीट पर मंत्री विश्वेंद्र सिंह (कांग्रेस) 7895 मतों से हारे हैं. उन्हें इस बार मरूधरा की जनता ने धुरंधर का खिताव हासिल करने से रोक दिया.
राजस्थान की राजधानी जयपुर के विधानसभा चुनाव के नतीजे चौकाने वाले रहे. गहलोत के करीबी प्रताप सिंह खाचरियावास को सिविल लाइन की जनता को नकार दिया. इस चुनाव में बीजेपी के गोपाल शर्मा ने कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास को 28,329 वोटों से हरा दिया है। 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रताप सिंह खाचरियावास ने जीत दर्ज की थी.
बानसूर विधानसभा सीट पर कांग्रेस की शकुंतला रावत की साख दांव पर लगी हुई थी. वह गहलोत कैबीनेट में देवास्थान मंत्री थी. पिछले चुनाव में उन्होंने यहां से जीत दर्ज की थी. इस बार जनता ने नकार दिया. साथ ही वह देवी सिंह शेखावत से -15966 वोटो से हारी.
रघु शर्मा राजस्थान सरकार में 2018 से 2021 तक कैबिनेट मंत्री रहे थे. उनके यहां से चुनाव लड़ने के कारण यह सीट हाई प्रोफाइल सीट बन गई थी और पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट से रघु शर्मा ने ही जीत दर्ज की थी, पर इस बार उन्हें बीजेपी उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा. वह -7542 वोट हारे.
बीडी यानी बुलाकी दास कल्ला राजस्थान के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पाट्री के राजनीतिज्ञ हैं.वो अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. 2018 के विधानसभा चुनाव में डॉ बीडी कल्ला छठी बार बीकानेर पश्चिम सीट से विधायक बने थे. लेकिन आखिरकार क्षेत्र की जनता ने भाजपा को अपना समर्थन दिया. और बुलाकी दास कल्ला को जेठानंद व्यास ने 20194 के मार्जिन से हराया.
खाजूवाला विधानसभा सीट से भाजपा के डॉ. विश्वनाथ मेघवाल और कांग्रेस प्रत्याशी व मंत्री गोविंद राम मेघवाल दोनों के बीच कड़ी टक्कर थी. इसी को लेकर अबकी बार मुकाबला दिलचस्प था. प्रचार के दौरान यहां राज्य की दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस ने एड़ी चोट का जोर लगाया था, लेकिन आखिरकार क्षेत्र की जनता ने भाजपा को अपना समर्थन दिया और पार्टी प्रत्याशी विश्वनाथ मेघवाल जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. उन्होंने गोविंदराम मेघवाल को 17374 वोटो से हरा दिया.
भवर सिंह भाटी कांग्रेस के कोलायत से उम्मीदवार थे. वह गहलोत के करीबी और उनकी कैबिनेट में राज्य ऊर्जा मंत्री के रूप में काम रहे थे , लेकिन इस बार कोलायत की जनता ने उन्हें स्वीकार नहीं किया और उन्हें बीजेपी के अंशुमन सिंह भाटी से हार का सामना करना पड़ा.
2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिला था. सपोटरा सीट पर कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री रमेश चंद मीणा उम्मीदवार थे. जिन्हें जनता ने सिरे से नकार दिया.
दौसा के सिकराय को जितने के लिए कांग्रेस ने गहलोत की करीबी ममता भूपेश को मैदान में उतारा था. जिन्हें वसुंधरा राजे की कार्बन कॉपी भी कहा जाता है. कांग्रेस को भरोसा था की 2018 में ममता को सिकराय की जनता ने जो आशीर्वाद दिया तो वह इस बार भी मिलेगा, लेकिन इस बार भूपेश को जनता ने नहीं अपनाया.
ट्रेन्डिंग फोटोज़