राज्य सरकार ने 16 मई से राजस्थान निक्षय संबल योजना शुरू की है. राजस्थान निक्षय संबल योजना के तहत भामाशाह, दानदाताओं को जोड़कर रोगियों को अतिरिक्त पोषण सहायता मुहैया कराई जाएगी.
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Alwar: शुक्रवार को जिला क्षय निवारण केंद्र अलवर में टीबी मरीजों को निक्षय सम्बल योजना के तहत पोषण किट का वितरण किया गया. जिसके अंतर्गत 70 एमडीआर टीबी रोगियों को पोषण आहार किट वितरित की गयी. इस पोषण किट में प्रत्येक टीबी रोगी के लिए दो किलो आटा, एक किलो दाल, आधा किलो मूंग मोंठ, आधा किलो गुड, एक किलो चावल एवं आधा किलो तेल उपलब्ध कराया गया है.
उक्त कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ श्रीराम शर्मा, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. योगेन्द्र शर्मा, उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ महेश बैरवा, डॉ केके मीणा, आरसीएचओ डॉ अरविन्द गेट, भामाशाह पूनम शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष पुष्पराज शर्मा, डीपीसी डॉ शैलेन्द्र, जिला पीपीएम समन्वयक लव शर्मा, टिस काउंसलर सिरदार सिंह मीणा, पीएमडीटी समन्वयक शैलेन्द्र कुमार मिश्रा उपस्थित रहे. इसके अलावा प्रगति अग्रवाल, साक्षी खंडेलवाल ,सान्या,अजय सोनी, मातादीन बिसारिया, नरेश शर्मा, गिरीश उपाध्याय, अजय वर्मा, मनीष रायसनिया, मोहित जाट आदि ने भी उक्त कार्यक्रम में भाग लिया.
रोगियों को मिलेगा पौष्टिक आहार ताकि जल्द ठीक हो टीबी रोगी
राज्य सरकार ने 16 मई से राजस्थान निक्षय संबल योजना शुरू की है. राजस्थान निक्षय संबल योजना के तहत भामाशाह, दानदाताओं को जोड़कर रोगियों को अतिरिक्त पोषण सहायता मुहैया कराई जाएगी. मरीजों को छ: माह से एक वर्ष के लिए गोद दिया जाएगा. सरकार की मंशा है कि रोगियों को पौष्टिक भोजन मिले. मरीजों को समय पर इलाज और पौष्टिक आहार मिले तो वे जल्द स्वस्थ हो सकते हैं. इस मंशा के साथ चिकित्सा विभाग टीबी मरीजों को भामाशाहों को गोद देगा. ब्लॉक, वार्ड व यूनिट के रोगियों को गोद दिया जाएगा.
सरकार दे रही है 500 रुपए की सहायता
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. योगेन्द्र शर्मा ने बताया है कि टीबी मुक्त अभियान के तहत जिले में अभी सक्रिय मरीजों को निशुल्क उपचार के साथ ही प्रति माह रोगी को 500 रुपए की सहायता दे रहे हैं. अतिरिक्त सहायता के लिए भामाशाहों का सहयोग लिए जाएगा. वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त किया जाना है. भामाशाहों को प्रेरित किया जाएगा. इसमें जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाएगा. ऐसे में रोगी एवं उनके परिजनों को भी चाहिए कि वह उपचार बीच में न छोड़ें और डॉक्टर के बताए अनुसार दवा एवं पौष्टिक आहार का सेवन करें.
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