नसीराबाद का एक ऐसा स्थान जोकि सुसाइड प्वाइंट से सेल्फी पॉइंट में तब्दील हुआ है. सौंदर्यकरण के चलते यह डिग्गी अपने आप में सैर-सपाटा करने वालों को आकर्षित करने लगी.
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Nasirabad: अजमेर के नसीराबाद का एक ऐसा स्थान जोकि सुसाइड प्वाइंट से सेल्फी पॉइंट में तब्दील हुआ है. देश की ऐतिहासिक छावनी नसीराबाद में फ्रामजी चौक स्थित एक ऐसी डिग्गी है, जोकि सुसाइड के लिए कुविख्यात हो चुकी थी. प्रतिवर्ष इस डिग्गी में आत्महत्या करने वालों की घटनाएं होना एक आम बात बन चुकी थी लेकिन, तत्कालीन सेना के स्टेशन कमांडर समीर कौशल और छावनी परिषद के तत्कालीन मुख्य अधिशासी अधिकारी अरविंद कुमार नेमा ने भारत सरकार की जल मिशन योजना के तहत इसका रखरखाव, गहरीकरण, सौंदर्यकरण कराते हुए सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए.
सौंदर्यकरण के चलते यह डिग्गी अपने आप में सैर-सपाटा करने वालों को आकर्षित करने लगी. इस डिग्गी पर लोगों की भीड़ रहने लगी. लोगों की भीड़ को देखते हुए यहां पर चौपाटी विकसित कर दी गई और इसके आकर्षण के कारण कई व्यक्ति इस स्थान पर सेल्फी लेते रहते हैं. समय के साथ-साथ यह डिग्गी सुसाइड प्वाइंट से सेल्फी प्वाइंट में तब्दील होती जा रही है.
मौसम की बरसात के कारण इस डिग्गी में पानी की अच्छी आवक हुई. शहर में जब जब भी बरसात हुई तब तब इस डिग्गी में पानी की आवक और भराव क्षमता को देखने के लिए लोगों का तांता लगने लगा, जिसके चलते इस डिग्गी पर लोगों की भीड़ रहने लगी. इस डिग्गी की पाल पर चौपाटी भी विकसित की गई है, जहां पर स्वादिष्ट व्यंजन और चाइनीज फूड का लजीज स्वाद लेने के लिए लोगों का तांता लगा रहता है.
रोटरी क्लब की स्थानीय शाखा ने भी इस डिग्गी पर लोगों की बढ़ती आवाजाही को देखते हुए एक छतरी निर्मित की है, जहां पर धूप और बरसात में सैर-सपाटा करने वाले अथवा राहगीर विश्राम कर सके. इतना ही नहीं बल्कि इस डिग्गी के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर दो हाईमास्ट लाइट भी लगाई गई है, जिससे रात में भी यह डिग्गी अपने सौंदर्य को दर्शाती रहती है. छावनी परिषद नसीराबाद द्वारा इस डिग्गी का रखरखाव किया जा रहा है. इसमें मछलियों के बच्चे भी छोड़े गए, जोकि अब बड़े हो चुके हैं. इस डिग्गी में मछलियां छोड़ने से यह मछलियां डिग्गी के पानी को साफ भी रखती हैं और लोगों के लिए आकर्षण बनी हुई है.
शहर के फ्रामजी चौक स्थित इस डिग्गी को लाल डिग्गी के नाम से पहचाना जाता था. नगरवासियों का यह कथन है कि इस डिग्गी में कई लोगों ने छलांग लगाकर अपनी जान दे दी. इस कारण इसे धीरे-धीरे लाल डिग्गी कहने लगे. वहीं, दूसरी तरफ कई लोगों का यह भी कहना है कि इस डिग्गी की मिट्टी लाल होने के कारण इस डिग्गी का पानी भी लगभग लाल रंग का हो जाने के कारण इसे लाल डिग्गी कहने लगे. इस डिग्गी में पानी का भराव रहने से आसपास के ट्यूबवेल कुवे हैंडपंप आदि में जलस्तर अच्छा बना रहता है.
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