नसीराबाद के पास आशापुरा गांव में एक महिला की हत्या करने के बाद घर के पास स्थित बावड़ी में शव को पटक दिया. जानकारी मिलने पर सिविल डिफेंस की मदद से शव को तीसरे दिन बाहर निकाला जा सका.
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Nasirabad: नसीराबाद के पास आशापुरा गांव में एक महिला की हत्या करने के बाद घर के पास स्थित बावड़ी में शव को पटक दिया. जानकारी मिलने पर सिविल डिफेंस की मदद से शव को तीसरे दिन बाहर निकाला जा सका. प्रथम दृष्टया हत्या की आशंका को देखते हुए फॉरेंसिक टीम को बुलाकर मौके से आवश्यक सबूत उठाए गए.
नसीराबाद सदर पुलिस थाना अंतर्गत आशापुरा गांव में चर्च के सामने कुछ दूरी पर मसीह समाज की 48 वर्षीया बेला जॉनसन रहती थी. ग्रामीणों के मुताबिक रविवार से उसके घर पर ताले लटके हुए थे और वह लापता थी. मंगलवार की सुबह जानकारी मिली कि उसका शव घर के निकट स्थित एक प्राचीन बावड़ी में तैर रहा है. बावड़ी इतनी प्राचीन थी कि उसकी दीवारों पर पेड़ और झाड़ियां उग जाने के कारण लगभग ढक चुकी थी.
नसीराबाद के सदर पुलिस थानाधिकारी हेमराज को जानकारी मिलते ही अपने अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के साथ आशापुरा गांव स्थित घटनास्थल पर पहुंचे और मौके पर सिविल डिफेंस के जांबाज जवानों को बुलाया गया. साथ ही उन्होंने बावड़ी पर उगे हुए पेड़ की टहनियों को काटकर रास्ता किया और पानी में उतर कर शव को बाहर निकाला.
शव की प्राथमिक जांच करने पर देखा कि उसकी बांई आंख के पास से कनपटी और कान तक किसी धारदार हथियार की गहरी चोट थी. इस चोट को देखते ही पुलिस ने प्रथम दृष्टया हत्या की आशंका व्यक्त की है. हत्या के सबूत जुटाने के लिए पुलिस के उच्चाधिकारियों के निर्देश पर फॉरेंसिक टीम और प्रशिक्षित डॉग भी मौके पर बुलाकर सबूत उठाए गए. संभवतया मृतका को बावडी में पटकने से पहले मृतका के मकान की रसोई में हत्या की गई थी, क्योंकि रसोई की दीवार और छत पर खून के छींटे देखे गए.
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मौके पर ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार इस मकान में 48 वर्षीय बेला जॉनसन रहती थी. बहन जरीना एरिक्सन ने एक बच्ची को गोद लिया था, जिसकी उम्र वर्तमान में लगभग 17 वर्ष हो चुकी थी. जरीना एरिक्सन की मृत्यु के बाद बेला जॉनसन ही उसकी परवरिश करती थी. 17 वर्षीय बच्ची भी रविवार से घर पर नहीं थी, घर पर ताले लटके हुए थे.
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए राजकीय सामान्य चिकित्सालय नसीराबाद के चीरघर पहुंचा दिया और जांच आरंभ कर दी. आशापुरा गांव स्थित मृतका के मकान के पास बावड़ी में से शव को बाहर निकालने के लिए एसडीआरएफ टीम को भी मौके पर बुलाया गया था लेकिन एसडीआरएफ टीम के पहुंचने से पहले ही सिविल डिफेंस की टीम शव को बावड़ी से बाहर निकल चुकी थी.
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