अजमेर के नसीराबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग पर टोल वसूली के बावजूद हाईवे पर छोटे वाहनों का आवागमन ट्रेलर चालकों की मनमानी के चलते दे रहा हादसों को न्यौता.
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Ajmer: अजमेर के नसीराबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुगम यातायात के लिए सरकार ने टोल वसूली की योजना चला रखी है. टोल वसूली के बावजूद हाईवे पर छोटे वाहनों का आवागमन ट्रेलर चालकों की मनमानी के चलते जोखिम भरा हो गया है. नसीराबाद के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग को 4 से 6 लाइन में तब्दील करने का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है. इसके बावजूद छोटे चार पहिया वाहनों, कार आदि को इस मार्ग पर चलाना काफी मुश्किल हो जाता है और हर पल दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है.
ऐसे में हाईवे का सड़क मार्ग चौड़ा कर देने के बावजूद तीनों ही लेन में ट्रेलर चालक अत्यधिक धीमी गति पर चलाते रहते हैं. इतना ही नहीं बल्कि कई किलोमीटर दूरी तक तीनों लाइन पर तीन ट्रेलर चलने से कार, पिकअप आदि का ओवरटेक करना काफी मुश्किल हो जाता है और इन ट्रेलरो के पीछे कार पिकअप आदि की लाइन लग जाती है. हाईवे पर कई बार रोगी वाहन सायरन बजाता रहता है, लेकिन तीनों लेन पर कब्जा करके ट्रेलर चालक धीमी गति से कई किलोमीटर तक वाहन चलाते रहते हैं और सड़क पर रोगी वाहन, कार, पिकअप चालकों को साइड देना मुनासिब नहीं समझते.
नसीराबाद के कई टैक्सी एवं निजी वाहन चालकों ने बताया कि हाईवे पर ट्रेलर चालकों के इस प्रकार के रवैये के कारण आम वाहन चालकों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि ऐसे ट्रेलर चालकों पर जो स्वयं के लाइन में नहीं चल रहें हो उन पर आज तक कोई जुर्माना नहीं किया गया. नसीराबाद हाईवे पर श्रीनगर होते हुए किशनगढ़ तक भारी भरकम मार्बल के पत्थर रात 12 बजे से सुबह लगभग 7 तक परिवहन होते हैं और एक लंबी कतार में कई वाहन क्षमता से अधिक लोड भरकर चलते हैं और अर्थ वार्मिंग करते हैं. कानून को ठेंगा दिखाते हुए बेखौफ सड़क पर चलने वाले वाहनों को रोकने वाला कोई नहीं जो परिवहन विभाग सहित संबंधित विभागों पर प्रश्न चिन्ह अंकित करता है.
इस दौरान क्षमता से अधिक लोड लेकर चलने वाले इन ट्रेलरों के कारण अर्थ वार्मिंग सहित सड़कें भी जल्दी क्षतिग्रस्त हो जाती है. जिसका खामियाजा हल्के वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है. कुछ वाहन चालकों ने बताया कि हाईवे की एक लेन ट्रेलर चालकों के लिए आवंटित कर देनी चाहिए. जिससे पूरी सड़क क्षतिग्रस्त ना हो और यातायात में व्यवधान उत्पन्न नहीं हो सके और सरकार के सामने वाहनों की ओवरलोडिंग उजागर हो सके.
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