Beawar: आधुनिकता के इस युग में अब धीरे-धीरे पारंपरिक चीजों का अपना एक अलग ही महत्व होता है. चांदी-सोने और पीतल-कांसे की चमक के साथ-साथ अब आमजन मिट्टी से बने खिलौनों और बर्तनों में रूचि दिखा रहे है.
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Beawar: आधुनिकता के इस युग में अब धीरे-धीरे पारंपरिक चीजों का अपना एक अलग ही महत्व होता है. चांदी-सोने और पीतल-कांसे की चमक के साथ-साथ अब आमजन मिट्टी से बने खिलौनों और बर्तनों में रूचि दिखा रहे है. आकर्षक-सुंदर और सस्ते होने के चलते तीज-त्यौहारों पर अब मिट्टी के सजावटी सामानों का महत्व बढ़ गया है.
स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए भी आमजन का रूझान अब इन सामानों की ओर होने लगा है. ऐसा ही नजारा बुधवार को शहर के श्री मेगा हाइवे स्थित राजकीय पटेल उच्च माध्यमिक विद्यालय के बाहर स्थित फुटपाथ पर सजी एक मिट्टी के खिलौनों और सजावटी सामान की दुकान पर देखने को मिला.
जैसलमेर में विशेष रूप से तैयार किए गए मिट्टी के रंग-बिरंगे खिलौने और सजावटी सामान बरबस ही आमजन का ध्यान आकर्षित कर रहे है. दुकान पर शुभ-लाभ, भगवान गणेश, लक्ष्मी सहित अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों के अलावा लालटेन, सजावटी लडी, कछुआ, पानी की बोतल सहित अन्य सामान वाजिब दरों पर बिक्री किए जा रहे है.
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दुकानदार पुखराज प्रजापति ने बताया कि वह हर वर्ष मिट्टी के खिलौने और बर्तन लेकर दीपावली के मौके पर ब्यावर आता है और बिक्री करता है. साथ ही उसने बताया कि उसके द्वारा बनाए गए खिलौने और सजावटी सामान को शहरवासी खासा पसंद करते है. प्रजापति ने बताया कि जैसलमेर की विशेष प्रकार की मिट्टी से तैयार किए जाने वाले यह खिलौने और सजावटी सामाज बेहद आकर्षक और मनमोह लेने वाले होते है.
Reporter: Dilip Chouhan
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