राहुल गांधी का दावा- अग्निवीर को नहीं मिलता शहीद का दर्जा और पैसा, जानें इसमें कितनी है सच्चाई
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राहुल गांधी का दावा- अग्निवीर को नहीं मिलता शहीद का दर्जा और पैसा, जानें इसमें कितनी है सच्चाई

Agniveer Benefits: राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में दावा किया कि अग्निवीर को शहीद का दर्जा और परिवार को मुआवजा नहीं मिलता. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी का दावा सच है? आखिर एक अग्निवीर और उसके परिवार को क्या-क्या फायदे मिलते हैं.

राहुल गांधी का दावा- अग्निवीर को नहीं मिलता शहीद का दर्जा और पैसा, जानें इसमें कितनी है सच्चाई

Agnipath Scheme Benefits: लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सोमवार को जमकर सियासी तीर चले. नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला और अग्निवीर योजना समेत कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने अग्निपथ स्कीम को लेकर ऐसा बयान दिया, जिससे हंगामा खड़ा हो गया है. राहुल गांधी ने दावा किया कि अग्निवीर योजना के तहत शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता और अग्निवीर यूज एंड थ्रो वाले मजदूर हैं. इसके साथ ही शहीद हुए अग्निवीरों के परिवार को मुआवजा भी दिया जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी का दावा सच है? आखिर एक अग्निवीर और उसके परिवार को क्या-क्या फायदे मिलते हैं.

राहुल गांधी के दावे पर राजनाथ सिंह ने दिया जवाब

जब राहुल गांधी ने लोकसभा में अग्निवीर योजना का मुद्दा उठाया और कहा कि अग्निवीर को सरकार कुछ नहीं मिलता. तब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तत्काल अपनी सीट पर खड़े होकर जवाब दिया. राजनाथ सिंह ने आपत्ति जताते हुए कहा कि नेता विपक्ष सदन में गलतबयानी कर रहे हैं, जबकि सच यह है कि जान गंवाने वाले अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सदन को गुमराह कर रहे हैं. राहुल गांधी द्वारा सदन में अग्निवीर को लेकर दिए गए बयान पर खूब हंगामा मचा और स्पीकर से राहुल गांधी और राजनाथ सिंह के बयान की सत्यता की जांच की मांग भी अमित शाह और किरेन रिजिजू ने की. दोनों ने कहा कि ऐसे ही राहुल गांधी गलतबयानी करके बचकर नहीं जा सकते. ऐसे में उनके बयानों की सत्यता की जांच होनी चाहिए.

राजनाथ सिंह ने सदन में कहा कि मैं नेता प्रतिपक्ष से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करना चाहता हूं कि कृपया वो संसद को गुमराह करने की कोशिश न करें. अग्निवीर योजना के संबंध में बहुत सारे लोगों से, 158 संस्थाओं के साथ सीधा संवाद स्थापित किया गया, उनके सुझाव लिए गए, तब यह अग्निवीर योजना लाई गई है. बहुत सोच-समझकर यह योजना लाई गई है. ऐसे में बिना अग्निवीर योजना के बारे में समझे, बिना उस संबंध में कोई पूरी जानकारी हासिल किए, इस तरीके से सदन को गुमराह करना, इसे कदापि उचित नहीं ठहराया जा सकता. अध्यक्ष महोदय, मैं तो आपसे यह अनुरोध करूंगा कि इसे सदन की कार्यवाही से बाहर निकाला जाना चाहिए.

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आखिर राहुल गांधी के दावे में कितनी है सच्चाई?

क्या अग्निवीर योजना को लेकर राहुल गांधी का दावा सच है? अग्निपथ स्कीम के तहत एक अग्निवीर और उसके परिवार को क्या-क्या फायदे मिलते हैं. भारतीय सेना की वेबसाइट के अनुसार, अग्निवीरों के शहीद होने पर उनके परिवार को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं, उनके बारे में जिक्र है. अगर अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उन्हें 48 लाख रुपये का बीमा कवर और 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि मिलती है. इसके साथ ही 4 साल तक का पूरी सैलरी, सर्विस फंड और सर्विस फंड में जमा राशि मिलती है. इसके अलावा परिवार को सरकार का योगदान भी मिलता है.

इसके साथ ही अगर ड्यूटी के दौरान अग्निवीर विकलांग हो जाता है तो उन्हें विकलांगता के आधार पर 50, 75, 100 प्रतिशत की अनुग्रह राशि यानी 15 लाख, 25 लाख और 44 लाख रुपये प्रदान करने के साथ 4 साल तक का पूर्ण वेतन और सेवा निधि और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलता है. हालांकि, अग्निवीर को कोई पेंशन नहीं दिया जाता है. अग्निवीर के शहीद होने पर उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाता है.

क्या है अग्निपथ योजना?

अग्निपथ योजना एक 'टूर ऑफ ड्यूटी स्टाइल' योजना है, जिसे सितंबर 2022 में सरकार ने लॉन्च किया था. इसके तहत सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में कमीशन प्राप्त अधिकारियों से नीचे के रैंक के सैनिकों को केवल 4 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती किया जाता है. इस स्कीम के तहत भर्ती किए गए कर्मियों को अग्निवीर कहा जाता है. 4 साल की सर्विस के दौरान छह महीने की ट्रेनिंग भी दी जाती है. इस योजना के तहत चार साल की नौकरी के बाद अग्निवीरो को उनकी कार्यक्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी और इसी मेरिट के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को परमानेंट सर्विस में लिया जाएगा.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)

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