आर्थिक सुधारों के लिए मंच तैयार... राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन
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आर्थिक सुधारों के लिए मंच तैयार... राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन

Independence Day: राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आबादी पर उच्च आर्थिक वृद्धि के सकारात्मक प्रभावों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है.

आर्थिक सुधारों के लिए मंच तैयार... राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन

President Draupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि अगले दौर के आर्थिक सुधारों के लिए मंच तैयार हो चुका है, जिसका मकसद भारत को विकसित देशों की कतार में लाना है. असल में राष्ट्रपति मुर्मू ने 78वें स्वतन्त्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में देश की शानदार आर्थिक प्रगति का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 से वर्ष 2024 के बीच सालाना आठ प्रतिशत की औसत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करके भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है. 

सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का भी जिक्र

उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और हम जल्दी ही विश्व की तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होंगे. राष्ट्रपति ने इस सफलता का श्रेय किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया. उन्होंने देश की आजादी के सौवें साल 2047 तक भारत को विकसित देश में बदलने के सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का भी जिक्र किया. 

विकास के लिए मंच तैयार किया

राष्ट्रपति मुर्मू ने बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार के जोर, कृत्रिम मेधा और सेमीकंडक्टर जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने और बैंक और वित्तीय क्षेत्र को मजबूत बनाने जैसे प्रमुख उपायों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि ये प्रमुख कारक भारत को निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बनाते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी ने अगली पीढ़ी के आर्थिक सुधारों और विकास के लिए मंच तैयार किया है जो भारत को विकसित देशों की श्रेणी में लाएगा.

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आबादी पर उच्च आर्थिक वृद्धि के सकारात्मक प्रभावों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘‘इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है. इसके चलते खर्च करने योग्य आमदनी बढ़ी और गरीबी के स्तर में उल्लेखनीय कमी आई है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग अब भी गरीब हैं, उनकी सहायता करने के साथ-साथ उन्हें गरीबी से बाहर निकालने के लिए भी सभी प्रयास किए जा रहे हैं.

80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन

राष्ट्रपति ने उदाहरण देते हुए कहा कि कोविड-19 के के दौरान शुरू की गई पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है. इसके जरिये यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि जो लोग हाल ही में गरीबी से बाहर आए हैं, उन्हें पुनः गरीबी में जाने से रोका जा सके. 

अपने संबोधन में उन्होंने किसानों की सराहना करते हुए कहा, ‘‘ हमारे अन्नदाता किसानों ने उम्मीद से कहीं अधिक कृषि उत्पादन सुनिश्चित किया है. ऐसा करके, उन्होंने भारत को कृषि-क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हमारे देशवासियों को भोजन उपलब्ध कराने में अमूल्य योगदान दिया है.’’ मुर्मू ने यह भी कहा, ‘‘हाल के वर्षों में बुनियादी ढांचे को काफी बढ़ावा मिला है. सुविचारित योजनाओं एवं प्रभावी क्रियान्वयन ने सड़कों, राजमार्गों, रेलवे और बंदरगाहों का जाल बिछाने में मदद की है.

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