Imtiyaz Jaleel: औरंगजेब के मकबरे में गए थे प्रकाश आंबेडकर, फिर हुआ ऐसा; AIMIM सांसद का बड़ा दावा
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Imtiyaz Jaleel: औरंगजेब के मकबरे में गए थे प्रकाश आंबेडकर, फिर हुआ ऐसा; AIMIM सांसद का बड़ा दावा

Prakash Ambedkar Aurangzeb tomb visit: एआईएमआईएम सांसद ने अपने बयान में  कहा कि वो नहीं जानते कि मकबरे का दौरा करने के पीछे आंबेडकर का क्या मकसद था, लेकिन वह यह जानते हैं कि उक्त ढांचे के संरक्षण का जिम्मा केंद्र सरकार के पुरातत्व विभाग के हाथों में है.'

Imtiyaz Jaleel photo: Facebook

Maharashtra Aurangajeb row: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद इम्तियाज जलील (Imtiyaz Jaleel) ने दावा किया है कि वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) के नेता प्रकाश आंबेडकर (Prakash Ambedkar) के महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में मुगल बादशाह औरंगबेज के मकबरे का दौरा (Prakash Ambedkar Aurangzeb tomb visit) करने के बाद राजनीतिक दलों की भाषा बदल गई है. औरंगाबाद में मंगलवार को पत्रकारों से मुखातिब जलील ने कहा कि जब उन्होंने औरंगजेब के मकबरे का दौरा किया था, तब राजनीतिक दलों की भाषा अलग थी.

प्रकाश आंबेडकर के दौरे से बदली नेताओं की भाषा

VBA नेता आंबेडकर ने औरंगजेब (Aurangajeb) के महिमामंडन वाले सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर महाराष्ट्र (Mahasrahtra Aurangajeb row) के कुछ हिस्सों में हाल के दिनों में हुए विरोध-प्रदर्शनों और झड़पों के बाद शनिवार को मुगल बादशाह के मकबरे का दौरा किया. इस बयान से साफ है कि एआईएमआईएम के इस नेता ने औरंगजेब के मकबरे का दौरा करने के आंबेडकर के कदम का समर्थन किया है.

जलील ने कहा, 'जब हमने वहां (मकबरे) का दौरा किया था, तब उन्होंने (अन्य राजनीतिक दलों ने) जिस भाषा का इस्तेमाल किया था, वह आज बदल गई है. उन्होंने तब हंगामा खड़ा किया था. अब कहा जा रहा है कि उन्हें (आंबेडकर को) संविधान के तहत ऐसा करने का अधिकार है.'

औरंगाबाद से लोकसभा सदस्य जलील ने कहा, 'मैं कहना चाहता हूं कि हर किसी को वह करने का अधिकार है, जो वह करना चाहता है. हर किसी को वहां जाने का अधिकार है, जहां वह जाना चाहता है. यही संविधान की खूबसूरती है.'

अभिव्यक्ति की आजादी को ‘कुचला’ जा रहा है: जलील 

उन्होंने आरोप लगाया कि अभिव्यक्ति की आजादी को अब ‘कुचला’ जा रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह औरंगजेब के मकबरे का दौरा करने के आंबेडकर के कदम का समर्थन करते हैं, जलील ने कहा, 'हां, इसका समर्थन किया जा सकता है. वह वहां जाना चाहते थे. मैं दौरे का विरोध करने वाले लोगों से कहना चाहता हूं कि यह छत्रपति शिवाजी की सीख है. इसका विरोध करने वाले लोग नहीं जानते कि छत्रपति शिवाजी महान क्यों थे.'

'नहीं जानते मकसद'

एआईएमआईएम सांसद ने अपने बयान में ये भी कहा कि वो नहीं जानते कि मकबरे का दौरा करने के पीछे आंबेडकर का क्या मकसद था, लेकिन वह यह जानते हैं कि उक्त ढांचे के संरक्षण का जिम्मा केंद्र सरकार के पुरातत्व विभाग के हाथों में है. उन्होंने कहा, 'मुझे पिछले 75 साल में एक भी ऐसा मौका बताएं, जब मुस्लिम समुदाय द्वारा औरंगजेब की जयंती मनाई गई हो या मुगल बादशाह के चित्र प्रदर्शित किए गए हों. बीजेपी सत्ता में आई तो अचानक ‘औरंगजेब...औरंगजेब’ का नाम उठने लगा.' जलील ने दावा किया कि अब ‘जहर के बीज बोने का काम किया जा रहा है.’ उन्होंने कहा कि अगर सदियों पहले कुछ गलत हुआ था, तो आप आज उसका बदला नहीं ले सकते हैं.

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