Ram Setu: कहा जाता है कि यही वह स्थान है जहां श्री राम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया था. असल में कोठंडारामस्वामी मंदिर तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित है. ये मंदिरश्री कोठंडाराम स्वामी जी को समर्पित है.
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Arichal Munai Point: अयोध्या में राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी लगातार दक्षिण भारत के कई मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे हैं. इसी कड़ी में रविवार को पीएम उस जगह जाएंगे जहां से रामसेतु का निर्माण हुआ था. रविवार सुबह 9:30 बजे प्रधानमंत्री अरिचल मुनाई पॉइंट का दौरा करेंगे, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं से राम सेतु का निर्माण हुआ था. इसके बाद सुबह 10:15 बजे वे श्री कोठंडारामा स्वामी मंदिर में पूजा और दर्शन करेंगे. कोठंडारामा नाम का अर्थ धनुषधारी राम है. यह धनुषकोडी में स्थित है.
ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर विभीषण पहली बार श्री राम से मिले थे और उनसे शरण मांगी थी. कुछ किंवदंतियां यह भी कहती हैं कि यही वह स्थान है जहां श्री राम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया था. असल में कोठंडारामस्वामी मंदिर तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित है. ये मंदिरश्री कोठंडाराम स्वामी जी को समर्पित है. कोठंडारामा नाम का आशय धनुषधारी राम है. कहा जाता है कि स्वामी विवेकानन्द ने भी इस मंदिर का दौरा किया था. 1000 साल पुराने इस मंदिर की दिवारों पर रामायण की कई घटनाओं की पेंटिंग को दर्शाया गया है.
उसी के नजदीक एक स्थान से रामसेतु!
खास बात यह है कि यहां भगवान राम के मुख्य देवता को धनुष (कोथंडम) के रूप में दर्शाया गया है जिस कारण से मूर्ति का नाम कोठंडारामस्वामी है. विभीषण से प्रभु राम के मिलने के बाद उनके बैठक के स्थान पर ही कोठंडारामस्वामी मंदिर बनाया गया था. मालूम हो कि रावण के वध के बाद भगवान राम ने विभीषण को लंकापति बना दिया. राम का सागर किनारे जहां शिविर था, उसी के नजदीक एक स्थान से रामसेतु भी बनना शुरू हुआ था. यही स्थान आज अरिचल मुनाई पॉइंट कहलाता है. यह तमिलनाडु के धनुषकोडि जिले में है.
इससे पहले पीएम मोदी ने शनिवार को तमिलनाडु के श्रीरंगम में रामायण से जुड़े प्राचीन मंदिर श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की और विद्वानों से 'कंब' रामायण का पाठ सुना. प्रधानमंत्री मोदी तमिलनाडु के इस प्राचीन मंदिर में आनेवाले पहले प्रधानमंत्री है. उन्होंने इस दौरान पारंपरिक परिधान पहना था और भगवान विष्णु के मंदिर में पूजा-अर्चना की. मोदी ने इस दौरान श्री रंगनाथस्वामी के दर्शन किए. उन्हें मंदिर के पुजारियों ने 'सदरी' प्रदान की. प्रधानमंत्री ने वैष्णव संत-गुरु श्री रामानुजाचार्य और श्री चक्रथाझवार को समर्पित कई 'सन्नाधि' में प्रार्थना की.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)