AIIMS Guwahati: प्रधानमंत्री मोदी ने मई 2017 में एम्स, गुवाहाटी अस्पताल का शिलान्यास भी किया था. कुल 1120 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित, एम्स गुवाहाटी 30 आयुष बिस्तरों सहित 750 बिस्तरों वाला एक अत्याधुनिक अस्पताल है
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Narendra Modi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को पूर्वोत्तर के पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), गुवाहाटी के साथ ही तीन मेडिकल कॉलेज को राष्ट्र को समर्पित किया. इसके अलावा उन्होंने असम एडवांस्ड हेल्थ केयर इनोवेशन इंस्टीट्यूट (एएएचआईआई) का शिलान्यास किया और पात्र लाभार्थियों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) कार्ड वितरित करके ‘आपके द्वार आयुष्मान’ अभियान की शुरुआत की.
इससे पहले, असम के वसंत उत्सव ‘रोंगाली बिहू’ के पहले दिन शुक्रवार को एक दिवसीय यात्रा पर गुवाहाटी पहुंचने पर राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी की अगवानी की.
2017 में पीएम मोदी ने किया शिलान्यास
प्रधानमंत्री मोदी ने मई 2017 में एम्स, गुवाहाटी अस्पताल का शिलान्यास भी किया था. कुल 1120 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित, एम्स गुवाहाटी 30 आयुष बिस्तरों सहित 750 बिस्तरों वाला एक अत्याधुनिक अस्पताल है. इस अस्पताल में हर साल 100 एमबीबीएस के छात्रों की वार्षिक प्रवेश क्षमता होगी. यह अस्पताल उत्तर पूर्व के लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा.
तीन महाविद्यालय राष्ट्रों को समर्पित
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर नलबाड़ी मेडिकल कॉलेज , नागांव मेडिकल कॉलेज , और कोकराझार मेडिकल कॉलेज को भी राष्ट्र को समर्पित किया.
इन तीनों कॉलेज का निर्माण क्रमशः लगभग 615 करोड़ रुपये, 600 करोड़ रूपये और 535 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. इनमें से प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में आपातकालीन सेवाओं, आईसीयू सुविधाओं, ओटी और डायग्नोस्टिक सुविधाओं आदि सहित ओपीडी व आईपीडी सेवाओं के साथ 500 बिस्तरों वाले शिक्षण अस्पताल संलग्न हैं. प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में 100 एमबीबीएस छात्रों की वार्षिक प्रवेश क्षमता होगी.
पीएम ने वितरित किए जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) कार्ड
प्रधानमंत्री ने तीन प्रतिनिधि लाभार्थियों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) कार्ड वितरित कर 'आपके द्वार आयुष्मान' अभियान की औपचारिक शुरुआत की. इसके बाद राज्य के सभी जिलों में लगभग 1.1 करोड़ एबी-पीएमजेएवाई कार्ड वितरित किए जायेंगे.
देश में स्वास्थ्य सेवा में उपयोग की जाने वाली अधिकांश प्रौद्योगिकियां आयात की जाती हैं और वे एक अलग संदर्भ में विकसित की जाती हैं, जो भारतीय परिवेश में संचालित करने की दृष्टि से अत्यधिक महंगी और जटिल होती हैं.
एएएचआईआई की परिकल्पना इन्हीं सन्दर्भों को ध्यान में रखकर की गई है और यह संस्थान ‘हम अपनी समस्याओं का समाधान खुद ढूंढ़ लेते हैं’ वाले दृष्टिकोण के साथ काम करेगा.
एएएचआईआई का निर्माण लगभग 546 करोड़ रुपये की लागत से किया जाना है. यह चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अत्याधुनिक आविष्कारों और अनुसंधान एवं विकास की सुविधा प्रदान करेगा, स्वास्थ्य से संबंधित देश की अनूठी समस्याओं की पहचान करेगा और उन समस्याओं को हल करने के लिए नई तकनीकों के विकास को बढ़ावा देगा.
(इनपुट - एजेंसी)
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