Parliament News: ...जब कांग्रेस के पास था प्रचंड बहुमत और एक साथ 63 सांसद हुए थे सस्पेंड, जानिए 34 साल पुराना इतिहास
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Parliament News: ...जब कांग्रेस के पास था प्रचंड बहुमत और एक साथ 63 सांसद हुए थे सस्पेंड, जानिए 34 साल पुराना इतिहास

Parliament Winter Session 2023: संसद में हंगामा मचाने के आरोप में सोमवार को दोनों सदनों से 67 सांसद सस्पेंड कर दिए गए. लेकिन ऐसी बात नहीं है कि ऐसी कार्रवाई पहली बार हुई हो. इससे पहले कांग्रेस सरकार में 63 सांसद सस्पेंड कर दिए गए थे.

 

Parliament News: ...जब कांग्रेस के पास था प्रचंड बहुमत और एक साथ 63 सांसद हुए थे सस्पेंड, जानिए 34 साल पुराना इतिहास

History of suspension from Lok Sabha and Rajya Sabha: संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में सोमवार को अप्रिय इतिहास रचा गया. इस इतिहास को बनाने की न किसी ने कोशिश की थी और न ही कामना, फिर भी यह बन गया. संसद के दोनों सदनों में हंगामा करने पर एक साथ 67 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया. इस एक्शन पर कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने इसे सरकार की तानाशाही बताया है. लेकिन ऐसा नहीं है कि ऐसी कार्रवाई कोई पहली बार हुई हो. आज से 34 साल पहले कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ सरकार में थी, उस दौरान एक साथ 63 सांसद सदन से निलंबित किए गए थे. उस दौरान आखिर ऐसी क्या बात हो गई थी कि इतनी बड़ी संख्या में सांसद सस्पेंड हो गए थे. 

जब एक साथ 63 सांसद कर दिए गए थे सस्पेंड

बात वर्ष 1989 की है. उस दौरान प्रचंड बहुमत से बनी राजीव गांधी की सरकार देश में शासन कर रही थी. उनकी सरकार ने वर्ष 1984 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की नृशंस हत्या की जांच के लिए ठक्कर कमीशन का गठन किया था. इस कमीशन ने वर्ष 1989 में अपनी रिपोर्ट सरकार को दी, जिसे राजीव गांधी सरकार ने संसद में पेश किया. इस जांच रिपोर्ट के तथ्यों पर विपक्षी दलों ने जबरदस्त हंगामा किया था, जिस पर कार्रवाई करते हुए संसद के दोनों सदनों से 63 सांसदों को पूरे सत्र के लए सस्पेंड कर दिया गया था. इस 63 सांसदों के साथ 4 और सांसद विरोध स्वरूप सदन से वॉक आउट कर गए थे. 

इन नियमों के तहत हुई कार्रवाई

बताते चलें कि लोकसभा और राज्यसभा के संचालन के लिए रूल बुक बनी हुई हैं, जिसमें सदन में हंगामा या अनुशासनहीनता करने पर इस तरह सदन से सस्पेंड या बर्खास्त करने का नियम है. लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने इन्हीं नियमों के आधार पर सोमवार को सदन से 33 सांसदों सस्पेंड किया. वहीं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 34 सांसदों को निलंबित कर बाहर का रास्ता दिखा दिया. इस तरह एक दिन में दोनों सदनों के 67 सदस्य पूरे सत्र के लिए संसद से सस्पेंड कर दिए गए. इसे भारतीय संसदीय इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है. 

14 दिसंबर को भी हुआ था एक्शन

इससे पहले 14 दिसंबर को भी संसद से सस्पेंशन की कार्रवाई हुई थी. तब 14 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सदन से निकाला गया था. इनमें लोकसभा के 13 और राज्यसभा के 1 सांसद शामिल रहे. इन 14 सांसदों को मिलाकर इस सेशन में अब तक 81 सांसद पार्लियामेंट से सस्पेंड हो चुके हैं. अगर दोनों सदनों में सदस्यों की संख्या देखें तो लोकसभा में इस वक्त 538 सदस्यों में एनडीए के 329 और INDIA गठबंधन के 142 और बाकी दलों के 67 एमपी हैं. इन विपक्षी सांसदों में से 46 सांसद पूरे सेशन के लिए सस्पेंड हो चुके हैं.

आने वाले दिनों में बढ़ेगा राजनीतिक पारा

वहीं राज्यसभा के 245 सदस्यों में से एनडीए के 105 सांसद हैं. जबकि INDIA गठबंधन के 64 और अन्य दलों के 76 सांसद हैं. इनमें से विपक्ष के 46 सांसद मौजूदा सेशन के लिए सस्पेंड हो चुके हैं. माना जा रहा है कि संसद में इतनी बड़ी संख्या में सांसदों के सस्पेंशन से पक्ष- विपक्ष में गतिरोध और बढ़ेगा और इससे आने वाले दिनों में भी राजनीतिक पारा बढ़ा रहेगा.

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