NDA Government Formation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार 9 जून को शपथ ले सकते हैं. आज उन्हें एनडीए संसदीय दल की बैठक में औपचारिक तौर पर नेता चुना जाएगा. इसके बाद सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा. इधर, संसद परिसर में एक बदलाव पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं.
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Parliament Statue Shifting Row: एनडीए की नई सरकार बनने से पहले संसद परिसर में एक बदलाव को लेकर विवाद हो गया है. इस महीने जब 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू होगा तो संसद परिसर नए स्वरूप में नजर आएगा. दरअसल, संसद परिसर में महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को उनके मूल स्थानों से हटाकर दूसरी जगह स्थापित किया गया है. कांग्रेस ने इसका विरोध करते हुए सरकार पर निशाना साधा है. आदिवासी नेता बिरसा मुंडा और महाराणा प्रताप की प्रतिमाएं भी पुराने संसद भवन और संसद पुस्तकालय के बीच लॉन में लगाई गई हैं. अब सभी प्रतिमाएं एक ही जगह पर हैं.
लोकसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा, 'संसद भवन परिसर लोकसभा अध्यक्ष के क्षेत्राधिकार में आता है और परिसर के अंदर पूर्व में भी माननीय लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति से प्रतिमाओं को शिफ्ट किया गया है.' बयान में कहा गया है, 'यह स्पष्ट है कि संसद भवन परिसर से किसी भी महापुरुष की प्रतिमा को हटाया नहीं गया है बल्कि उन्हें संसद भवन परिसर के अंदर ही व्यवस्थित एवं सम्मानजनक रूप से स्थापित किया जा रहा है.'
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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा गांधी और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमाओं को हाल में संसद भवन के सामने स्थित उनके विशिष्ट स्थानों से हटा दिया गया है. यह अनुचित है.’
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र के वोटरों ने भाजपा के लिए वोट नहीं डाला तो शिवाजी और आंबेडकर की प्रतिमाएं संसद में उनके मूल स्थान से हटा दी गईं. उन्होंने कहा कि भाजपा को गुजरात में सभी 26 सीटों पर जीत नहीं मिली तो उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा को मूल स्थान से हटा दिया. खेड़ा ने लिखा, ‘सोचिए. अगर इन्हें 400 सीट मिल जातीं तो क्या ये संविधान को बख्शते.’
संसद परिसर के अंदर चार इमारतों को मिलाकर एकीकरण का काम जारी है. बाहरी क्षेत्र के पुनर्विकास के तहत, महात्मा गांधी, शिवाजी और महात्मा ज्योतिबा फुले सहित राष्ट्रीय महापुरुषों की प्रतिमाओं को पुराने संसद भवन के गेट नंबर 5 के पास एक लॉन में स्थानांतरित करने की योजना है, जिसे संविधान सदन नाम दिया गया है. इससे नए संसद भवन के गजद्वार के सामने एक विशाल लॉन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा, जिसका उपयोग राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा नए भवन में प्रवेश करने के लिए किया जाएगा. इस लॉन का इस्तेमाल बजट सत्र के दौरान संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति के अभिभाषण जैसे आधिकारिक समारोहों के लिए भी किया जा सकता है. (फोटो @KLSharmaAmethi)