One Nation One Election News: 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर केंद्र द्वारा गठित कमेटी को लेकर तकरार जारी है. अधीर रंजन चौधरी इसका हिस्सा बनने से किनारा कर चुके हैं. वहीं कमेटी में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की बजाए गुलाम नबी आजाद को शामिल करने को लेकर भड़के एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने बड़ा बयान दिया है.
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Congress on One Nation One Election committee: केंद्र द्वारा देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावना की जांच के लिए जो हाई लेवल कमेटी बनाई है उस पर तकरार जारी है. 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर बनी कमेटी पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस पार्टी ने अब इस बात पर नाराजगी जताई है कि सरकार ने आठ सदस्यीय पैनल में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) को शामिल क्यों नहीं किया है. पार्टी ने कहा कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष को बाहर किया जाना संसद का अपमान है.
गुलाम नबी आजाद की मौजूदगी से नाराज है कांग्रेस?
कांग्रेस पार्टी ने इस समिति में मल्लिकार्जुन खड़गे की जगह राज्यसभा के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को शामिल करने के केंद्र के फैसले पर भी कड़ी आपत्ति जताई है. गौरतलब है कि केंद्र ने शनिवार को 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के मुद्दे की जांच करने और देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए सिफारिशें करने के लिए आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था. समिति में अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अलावा, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आज़ाद, पूर्व वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, संसदीय विशेषज्ञ सुभाष कश्यप और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी को जगह दी गई थी.
संसदीय लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का एक व्यवस्थित प्रयास: वेनुगोपाल
इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, 'हमारा मानना है कि एक साथ चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति और कुछ नहीं बल्कि भारत के संसदीय लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का एक व्यवस्थित प्रयास है.'
चौधरी ने किया कमेटी से किनारा
इससे पहले कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखे एक लंबे चौड़े पत्र में अपने मन की बात रखते हुए लिखा कि गृहमंत्री जी, मुझे अभी मीडिया के माध्यम से एक राजपत्र अधिसूचना सामने आने का पता चला है. जिसके मुताबिक मुझे लोकसभा और विधानसभाओं के एक साथ चुनाव कराने पर उच्च स्तरीय समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है. मुझे उस समिति में काम करने से इनकार करने में कोई झिझक नहीं है, जिसके संदर्भ की शर्तें उसके परिणामों की गारंटी देने के लिए तैयार की गई हैं. मुझे डर है कि यह पूरी तरह से धोखा है.
(इनपुट: ANI)