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Twin Tower Blast Supertech statement: रियल स्टेट सेक्टर में काम करने वाली कंपनी सुपरटेक ने कहा है कि उसने ट्विन टॉवर का निर्माण नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा मंजूर बिल्डिंग (बिल्डिंग) स्कीम के तहत ही किया था और उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया. आपको बताते चलें कि सुपरटेक के इसी ट्विन टॉवर को आज ढाई बजे एक रिमोट कंट्रोल सिस्टम के तहत ढहा दिया गया.
'अन्य प्रोजेक्ट पर असर नहीं'
सुपरटेक ने कहा कि इन दो टावरों के ध्वस्तीकरण का प्रभाव कंपनी की अन्य रियल एस्टेट परियोजनाओं पर नहीं पड़ेगा और घर खरीदारों को उनके फ्लैट समय पर मुहैया करवाए जाएंगे. दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंची 100 मीटर की इन इमारतों को गिराने के लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया. सुप्रीम कोर्ट ने एमराल्ड कोर्ट सोसायटी परिसर के बीच इस निर्माण को नियमों का उल्लंघन बताया था, जिसके बाद इन्हें ढहाने का काम आखिरकार पूरा हो गया.
सुपरटेक का बयान
सुपरटेक ने बयान में कहा, ‘नोएडा स्थित ट्विन टावर एपेक्स और सियान सेक्टर 93ए में एमराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा हैं और इन्हें नोएडा प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूमि पर बनाया गया. इन दो टावरों समेत भवन योजना को नोएडा प्राधिकरण ने 2009 में मंजूरी दी थी और ये राज्य सरकार द्वारा उस समय घोषित भवन उपनियमों के पूरी तरह से अनुरूप थे.’
नियम से परे जाकर नहीं किया काम: सुपरटेक
कंपनी ने कहा कि कोई भी काम इमारत नियम से परे जाकर नहीं किया गया है और इनका निर्माण नोएडा प्राधिकरण को पूरा भुगतान करने के बाद ही किया गया. उसने कहा, ‘हालांकि उच्चतम न्यायालय ने निर्माण को तकनीकी आधार पर संतोषजनक नहीं पाया और इन दो टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया. हम शीर्ष न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं और इसके अनुपालन की प्रतिबद्धता जताते हैं.’
सुपरटेक ने आगे कहा, ‘हमने घर खरीदारों को 70,000 से अधिक आवास मुहैया कराए हैं और बाकी के घर, खरीदारों को तय समयसीमा में दिए जाएंगे. हम सभी घर खरीदारों को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हमारी अन्य परियोजनाओं पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा और वो सभी प्रोजेक्ट जारी रहेंगे.’
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