Seema Haider Case: सचिन को 'लप्पू-झींगुर' कहना मिथिलेश भाटी को पहुंचाएगा जेल? जानें बॉडी शेमिंग को लेकर क्या है कानून
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Seema Haider Case: सचिन को 'लप्पू-झींगुर' कहना मिथिलेश भाटी को पहुंचाएगा जेल? जानें बॉडी शेमिंग को लेकर क्या है कानून

Mithilesh Bhati Dialogue: सचिन मीणा (Sachin Meena) पर विवादित टिप्पणी करने वालीं मिथिलेश भाटी (Mithilesh Bhati) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. आइए जानते हैं कि मिथिलेश भाटी ने क्या गलती कर दी है.

Seema Haider Case: सचिन को 'लप्पू-झींगुर' कहना मिथिलेश भाटी को पहुंचाएगा जेल? जानें बॉडी शेमिंग को लेकर क्या है कानून

Body Shaming Law In India: सीमा हैदर (Seema Haider) और सचिन मीणा (Sachin Meena) को कौन नहीं जानता है. हर तरफ दोनों की ही चर्चा है कि सीमा हैदर और सचिन मीणा कैसे पबजी गेम के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में आए और फिर प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि सीमा हैदर अपने चार बच्चों के साथ पाकिस्तान से भारत आ गईं और यूपी के नोएडा में सचिन के साथ शादी के बाद रहने लगीं. इन्हीं दोनों के साथ सचिन मीणा की पड़ोसी मिथिलेश भाटी (Mithilesh Bhati) भी खूब फेमस हो रही हैं. दरअसल, मिथिलेश भाटी ने सचिन-सीमा के प्यार को ढोंग बताते हुए सचिन को लप्पू-झींगुर कहा था. उसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और बहुत सारे मीम भी इसपर बने. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सचिन को लप्पू और झींगुर कहना मिथिलेश भाटी को जेल तक पहुंचा सकता है. मिथिलेश भाटी ने जो कहा वो बॉडी शेमिंग कहलाता है. आइए जानते हैं कि भारत में इसको लेकर क्या कानून है?

अभिव्यक्ति की आजादी का नहीं कर सकते गलत इस्तेमाल

बता दें कि भारत में हर नागरिक को अभिव्यक्ति की आजादी है. लेकिन आजादी के नाम पर भद्दी, आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं कर सकते. ये ठीक वैसा ही जैसे कोई किसी की बॉडी शेमिंग करता है. जैसे किसी का वजन अगर ज्यादा है तो आप उसे मोटा या किसी का वजन कम है तो आप उसे पतला आदि कहकर नहीं चिढ़ा सकते. अगर किसी शख्स के सिर पर बाल नहीं हैं या कम हैं तो आप उसे इसको लेकर बेइज्जत नहीं कर सकते हैं. ऐसा करना कानूनन अपराध है. ये करने वालों को जेल की सजा भी हो सकती है.

किसी की बॉडी शेमिंग करने की छूट नहीं

भारत में अभिव्यक्ति की आजादी है लेकिन उसके नाम पर कुछ भी कहने की छूट नहीं है संविधान का आर्टिकल 19 सभी को अभिव्यक्ति की आजादी देता है. यह एक संवैधानिक अधिकार है लेकिन इस संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल बहुत जिम्मेदारी के साथ ही कर सकते हैं. किसी को मानसिक पीड़ा देने या किसी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने या फिर किसी की बॉडी शेमिंग करने के लिए इसका उपयोग नहीं किया जा सकता है. कुछ मामलों में यह अपराध की कैटेगरी में आता है.

कितनी हो सकती है सजा?

जान लें कि आईपीसी की धारा 499 के तहत मानहानि का केस भी कर सकते हैं, जिसमें सजा का प्रावधान है. इसमें अधिकतम दो साल की सजा दी जा सकती है. साथ ही जुर्माने का भी इसमें प्रावधान है. इसके अलावा कोई किसी को अगर जानबूझकर बेइज्जत करता है जो कि शांति भंग में कन्वर्ट हो सकता है. वो धारा 504 में आता है और उसमें अधिकतम 2 साल की सजा का प्रावधान है.

महिलाओं पर टिप्पणी को लेकर कानून

गौरतलब है कि महिलाओं को लेकर तो इससे जुड़े और भी सख्त कानून हैं. अगर कोई पब्लिक प्लेस पर किसी महिला पर छींटाकसी करता है या फिर उसके फिगर या सूरत को लेकर व्यक्तिगत टिप्पणी करता है तो ये केवल मानहानि का ही नहीं बल्कि तो ये महिला के अपमान का भी मामला बनता है. जो भी ऐसा करता है उसको जेल की सजा भी दी जा सकती है. आईपीसी की धारा 294 और 509 में इसको लेकर सख्त सजा का प्रावधान है. गौरतलब है कि बड़ी-बड़ी कंपनियों तो इसको लेकर और भी कड़े कानून हैं. ऐसा करने वाला कर्मचारियों को कई बार नौकरी से भी निकाल दिया जाता है.

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