Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र विधानसभा के लिए नामांकन दाखिल करने की अवधि समाप्त होने के बाद महायुती और महाविकास आघाडी दोनों गठबंधन में बड़े तौर पर बगावती सुर नजर आ रहे हैं. सबसे अधिक बागियों ने महा विकास आघाडी की हालत खराब कर रखी है.जानें कैसे?
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MVA successful in placating rebels:शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) महाराष्ट्र विधानसभा की उन 90 फीसदी सीटों पर बागियों को शांत करने में सफल रही है, जहां से इन नेताओं ने गठबंधन के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ नामांकन दाखिल किया था. उन्होंने बताया कि शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवारों ने 96 सीटों पर पर्चा दाखिल किया है. जब राउत से मैदान में उतरे बागियों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन में यह होता रहता है. हम साथ बैठेंगे और बागियों को शांत करने की कोशिश करेंगे. हम बदलाव लाना चाहते हैं और ऐसा करने के लिए सभी को एकजुट रहना होगा.’’
90 फीसदी सीटों पर बगावत
उन्होंने कहा, ‘‘हमने ऐसी 90 फीसदी सीटों पर उन पार्टी कार्यकर्ताओं (जिन्होंने आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ बगावत की थी) को मना लिया है.’’ राज्यसभा सांसद राउत ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) सुप्रीमो शरद पवार और कांग्रेस नेतृत्व असंतुष्ट नेताओं को मनाने की कोशिश करेंगे.
महा विकास आघाडी में सबसे बड़ी मुश्किल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख चार नवंबर है. राउत ने माना कि जब तीन पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ती हैं, तो सीमित सीटों की वजह से पार्टियों के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को भी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सांगोले और अलीबाग विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना (यूबीटी) और सहयोगी दल ‘पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी’ (पीडब्ल्यूपी) ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
उनके बारे में राउत ने कहा कि उनकी पार्टी ने 2019 के चुनाव में ये दोनों सीटें जीती थीं. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अभी भी इन सीटों पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं, क्योंकि पीडब्ल्यूपी एमवीए का हिस्सा है. यह पूछे जाने पर कि क्या कुछ सीटों पर सांगली जैसी स्थिति दिखेगी, राउत ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया और कहा कि अगर उसके सहयोगी दल ने लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन धर्म का पालन किया होता, तो शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार चंद्रहार पाटिल को हार का सामना नहीं करना पड़ता.
जानें संजय राउत ने क्या कहा
सांगली में कांग्रेस के विशाल पाटिल ने पार्टी आलाकमान के आदेशों की अवहेलना करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. उन्होंने भाजपा के संजयकाका पाटिल और शिवसेना (यूबीटी) के चंद्रहार पाटिल को हराकर यह लोकसभा सीट जीती थी. कांग्रेस के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने चुनाव में विशाल पाटिल का साथ दिया था. महाराष्ट्र में मंगलवार को पर्चा भरने की प्रक्रिया समाप्त होने तक राज्य की 288 विधानसभा सीटों के लिए लगभग 8,000 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया. राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी. इनपुट भाषा