Unian Budget 2023: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्माला शीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) मोदी सरकार (PM Narendra Modi) का बजट पेश करने जा रही है. इससे पहले Zee Media ने सभी वर्ग के लोगों से बात की ओर उनकी उम्मीदो को जाना. पढ़िए अलग-अलग वर्ग ने क्या मांग की है.
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Unian Budget 2023: देश का आम बजट पेश होने में महज 2 दिन का समय बचा है. 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) मोदी सरकार (PM Narendra Modi) का बजट पेश करेंगी. ये सीतारमण को लगातार पांचवां बजट भाषण होगा. इसके साथ ही आम चुनाव से एक साल पहले का ये बजट काफी अहम है. ऐसे में हर वर्ग को उनसे बड़ी उम्मीदें है. Zee Media ने सभी वर्ग के लोगों से बात की ओर उनकी उम्मीदो को जाना.
घरेलू महिलाओं की आशाएं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के यूनियन बजट को लेकर महिलाओं को खासा उम्मीदें हैं. महिलाओं के लिए महंगाई, शिक्षा, और सुरक्षा अहम और बड़े मुद्दे हैं. घरेलू महिला महंगाई को लेकर काफी त्रस्त है. उनका कहना है कि महंगाई इतनी बढ़ गया है कि वह जो पैसे अपने लिए बचाती थी उस पैसे को भी वो किचन में खर्च कर देती हैं.
मिडिल क्लास की आशाएं
आम आदमी को बजट से काफी उम्मीद हैं. वो अपनी वित्तीय चिंताओं को दूर करेंगे और उनके जीवन स्तर में सुधार के लेकर आशा में है. वो चाहती है महंगाई कम हो और उसकी कमाई में थोड़ा इजाफा हो.
किसान की आशाएं
किसानों की उम्मीद है कि सरकार उनकी कमाई बढ़ाने को लेकर कोई कदम उठाए साथ ही सरकार को अपने बजट में डीजल की कीमतों को कम करना चाहिए. खेती-बाड़ी में जो खर्चा होता है वह कम होगा तो उनका उनकी लागत कम होगी. इसके साथ ही किसान चाहते हैं कि सरकार खाद को उपलब्धता सुनिश्चित करे.
व्यापारियों की आशाएं
व्यापारी तबके को जीएसटी के स्लैब में थोड़ा आराम चाहिए. व्यापारियों का कहना है कि वो बूढ़े होते हैं. इसलिए सरकार को उनके पेंशन के बारे में विचार करना चाहिए. कोई ऐसी स्कीम आए जिससे व्यापारा अपने बुढ़ापे के लिए निश्चिंत हो सके. साथ ही बाजारों में कैश इनफ्लो किस तरीके से बढ़ाया जा सके इस पर ध्यान देना चाहिए.
छात्रों की आशाएं
केंद्रीय बजट से हर वर्ग के साथ ही छात्रों को भी काफी उम्मीद है. छात्राओं की मांग है कि स्कूल कॉलेज फी में कमी लाई जाए. कॉपी, किताब, पेंसिल यानी स्टेशनरी के दाम में कटौती की जाए. पेट्रोल और डीजल आदि की भी दाम में कटौती की जाए.