सप्तपर्णी का पौधा दमोह जिले के आस - पास के इलाकों में पाया जाता है. इस पौधे की सुगंध काफी तेज होती है.
एमपी के अलावा यह पौधा भारत के हिमालयी क्षेत्रों के आस- पास के हिस्सों में पाया जाता है.
सप्तपर्णी का पौधा की छाल का प्रयोग सांप काटने, पेट दर्द और दांतो के मालिश के लिए किया जाता है.
सप्तपर्णी पौधे की छाल का कलर ग्रे होता है. जो शरीर को ढेर सारे फायदे मिलते हैं.
इस पौधे की पत्तियों का प्रयोग विटामिन बी 1 कमी से होने वाले बेरी- बेरी रोग के इलाज के लिए किया जाता है.
इसके अलावा इस पौधे में फर्टिलिटी को कम करने की भी क्षमता होती है.
जानकारी मिली है कि जब देश कोरोना के चपेट में था उस समय सप्तपर्णी पौधे का भी प्रयोग मेडिसिन बनाने में भी किया गया था.
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