Mohan Yadav Possible Cabinet: ऐसा हो सकता है मोहन यादव का मंत्रिमंडल, जानिए किन चेहरों को मिल सकती है जगह
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Mohan Yadav Possible Cabinet: ऐसा हो सकता है मोहन यादव का मंत्रिमंडल, जानिए किन चेहरों को मिल सकती है जगह

Madhya Pradesh Cabinet: मोहन यादव के विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अब मध्य प्रदेश में संभावित मंत्रिमंडल को लेकर भी कयासों का दौर शुरू हो गया है. क्योंकि इस बार मंत्रिमंडल पूरी तरह से बदला हुआ नजर आ सकता है. 

ऐसा हो सकता है संभावित मंत्रिमंडल

Madhya Pradesh BJP Cabinet: मध्य प्रदेश में बीजेपी ने मोहन यादव को नया मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया है, जबकि जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला राज्य के नए डिप्टी सीएम होंगे. ऐसे में मध्य प्रदेश में बीजेपी के एक नए अध्याय की शुरुआत होने जा रही है. खास बात यह है कि बीजेपी के कई दिग्गज नेता इस बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि नए सीएम मोहन यादव के कैबिनेट में भी इस बार नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं. 

जातिगत समीकरणों के साथ अंचलों पर रहेगा जोर 

दरअसल, मध्य प्रदेश में बीजेपी ने जिस तरह से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का चयन किया है, उसमें जातिगत समीकरण पूरी तरह से दिखा है. ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी अब मंत्रिमंडल में जातिगत समीकरणों के साथ-साथ क्षेत्रीय समीकरण का भी संतुलन भी बनाएगी. इसके अलावा महिला मंत्रियों को भी इस बार पर्याप्त जगह मिलने के पूरे चांस हैं, क्योंकि बीजेपी की तरफ कई सीनियर महिला विधायक फिर से चुनाव जीती हैं, जबकि युवा नेताओं को भी इस बार मंत्रिमंडल में जगह मिलने की पूरी संभावना है. बताया जा रहा है कि बीजेपी नई सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू कर दी हैं. 

मंत्रिमंडल में होते हैं 35 चेहरे 

मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों वाली सरकार में सीएम समेत अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं. बीजेपी ने इस बार 33 मंत्रियों को चुनाव में उतारा था, जिनमें से 19 को जीत मिली है. ऐसे में बताया जा रहा है कि इस बार बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व इस बार पुराने मंत्रियों को परफॉर्मेंस के आधार पर ही जगह देगा. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार चुनाव जीते कई मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर रखा जा सकता है जबकि उनकी जगह नए चेहरों को सरकार में शामिल किया जा सकता है. 

मालवा-निमाड़ पर रहेगा फोकस 

बीजेपी ने इस बार मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का पद मालवा-निमाड़ के हिस्से में ही सौंपा है. क्योंकि पार्टी ने यहां की 65 में से 47 सीटों पर जीत हासिल की है. लेकिन मंत्रिमंडल में भी मालवा-निमाड़ का दबदबा होना तय माना जा रहा है. क्योंकि पार्टी के कई दिग्गज नेता इस बार इसी अंचल से चुनाव जीते हैं. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी 10 बाद फिर से विधानसभा में लौटे हैं. ऐसे में मालवा निमाड़ से मंत्रियों की लिस्ट इस बार लंबी हो सकती है. 

मालवा-निमाड़ से इस बार कैलाश विजयवर्गीय के साथ-साथ राजेश सोनकर, रमेश मेंदोला, तुलसी सिलावट, राजेंद्र पांडे, ऊषा ठाकुर, महेंद्र हार्डिया, मालिनी गौड़, अर्चना चिटनिस, गायत्री राजे पंवार, हरदीप सिंह डंग, निर्मला भूरिया की दावेदारी मजबूत दिख रही है. इसके अलावा भी बीजेपी कई चौंकाने वाले नामों को जगह दे सकती है. क्योंकि मालवा-निमाड़ में भी दूसरी से तीसरी बार चुनाव जीते विधायकों की फेहरिस्त लंबी है. 

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महाकौशल अंचल 

बात अगर महाकौशल की जाए तो नरसिंहपुर से प्रहलाद पटेल चुनाव जीते हैं, जिनकी मंत्री बनने की पूरी संभावना है. खास बात यह है कि पिछली सरकार में सबसे कम मंत्री इसी अंचल से थे. लेकिन बीजेपी ने इस बार यहां जबरदस्त प्रदर्शन किया है. ऐसे में माना जा रहा है कि महाकौशल का दबदबा इस बार मंत्रिमंडल में पूरी तरह से दिखेगा. खास बात यह है कि महाकौशल के केंद्र जबलपुर की 8 में से 7 सीटों पर बीजेपी के जीत मिली है. पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चार बार के सांसद राकेश सिंह भी विधायक का चुनाव जीते हैं. इसके अलावा दूसरे जिलों में भी इस बार पार्टी का प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा है. 

महाकौशल से मंत्री पद के प्रबल दावेदारों की बात की जाए तो प्रहलाद सिंह पटेल और राकेश सिंह के अलावा राव उदय प्रताप सिंह, अजय विश्नोई, अशोक रोहाणी, संपत्तियां उईके, ओमप्रकाश धुर्वे, संजय पाठक, प्रणय पांडेय, दिनेश राय मुनमुन के अलावा दूसरे कई चेहरों पर भी पार्टी दांव लगा सकती है. 

ग्वालियर-चंबल 

ग्वालियर-चंबल अंचल से पिछली सरकार में हर दूसरा विधायक मंत्री था. ऐसे में इस बार भी ग्वालियर-चंबल अंचल पर सबकी निगाहें होगी. हालांकि बीजेपी ने इस बार नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाया है. लेकिन ग्वालियर-चंबल में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है, जबकि तमाम सर्वे में यहां बीजेपी की स्थिति खराब बताई जा रही थी. लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी अब पूरी तरह से जातिगत समीकरणों का ध्यान रखते ही यहां से मंत्री लेगी. जबकि यहां केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पसंद को भी तरजीह दी जाएगी. 

ग्वालियर-चंबल से प्रद्युम्न सिंह तोमर, नारायण सिंह कुशवाहा, एंदल सिंह कंसाना, प्रीतम लोधी, बृजेंद्र सिंह यादव, मोहन सिंह राठौर मंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. इसके अलावा भिंड जिले से भी मंत्री पद दिया जा सकता है

मध्य भारत अंचल

मध्य भारत अंचल से अब तक प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान खुद आते थे. लेकिन अब सीएम का पद मालवा में पहुंच गया है. ऐसे में मध्य भारत का मंत्रिमंडल में दबदबा हो सकता है. क्योंकि राजधानी भोपाल समेत कई सीटों पर चार से पांच बार के विधायकों की संख्या अच्छी खासी है. ऐसे में माना जा रहा है कि मध्य भारत अंचल को भी पर्याप्त जगह मंत्रिमंडल में मिल सकती है. 

मध्य भारत से मंत्रिमंडल में जगह बनाने के दावेदारों की बात की जाए तो विश्वास सारंग, प्रभुराम चौधरी, करण सिंह वर्मा, रामेश्वर शर्मा, कृष्णा गौर, विष्णु खत्री, सूर्यप्रकाश मीणा, सुरेंद्र पटवा, हेमंत खंडेलवाल जैसे नेता मंत्रिपद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. 

विंध्य अंचल 

विंध्य अंचल में बीजेपी ने जोरदार प्रदर्शन किया है. पार्टी ने अंचल की 31 में से 25 सीटों पर जीत हासिल की है. हालांकि बीजेपी ने यहां से राजेंद्र शुक्ला को डिप्टी सीएम बनाया है. लेकिन विंध्य से भी मंत्रीपद के दावेदार विधायकों की फौज लंबी चौड़ी है. सांसद से विधायक का चुनाव जीती रीति पाठक मंत्री पद की प्रबल दावेदार हैं. इसके अलावा विंध्य में भी जातिगत समीकरण बनाने पर ही बीजेपी का जोर रहेगा. 

विंध्य अंचल से रीति पाठक के अलावा बिसाहूलाल सिंह, मीना सिंह, दिव्यराज सिंह, नागेंद्र सिंह नागौद, गिरीश गौतम, विक्रम सिंह मंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं. ऐसे में यहां भी समीकरण बिठाने में बीजेपी को मशक्कत करनी पड़ सकती है. 

बुंदेलखंड अंचल 

पिछली सरकार में सबसे ज्यादा मंत्री बुंदेलखंड अंचल से ही थे. जबकि इस बार तो यहां चार से पांच बार चुनाव जीते विधायकों की फेहरिस्त सबसे ज्यादा लंबी है. ऐसे में बुंदेलखंड अंचल का एक फिर से मंत्रिमंडल में दबदबा देखने को मिल सकता है. 

बुंदेलखंड से सबसे सीनियर विधायक गोपाल भार्गव के अलावा, जयंत मलैया, भूपेंद्र सिंह, गोविंद सिंह राजपूत, शैलेंद्र जैन, प्रदीप लारिया, बृजेंद्र प्रताप सिंह, ललिता यादव, हरिशंकर खटीक, अनिल जैन मंत्रिपद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. 

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