Sengol Controversy: संसद में रखे 'सेंगोल' पर सियासत अब मध्य प्रदेश तक आ गई है. सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की प्रति रखने की मांग करने वाले सपा सांसद आरके चौधरी पर मप्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने निशाना साधा.
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Madhya Pradesh News: पिछली साल नई संसद भवन में स्थापित किए गए 'सेंगोल' पर एक बार फिर से सियासत शुरू हो गई. सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की प्रति रखने की मांग करने वाले सपा सांसद आरके चौधरी पर मप्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने निशाना साधा है. वीडी शर्मा बोले कि सपा सांसद और ऐसे लोग देश विरोधी ताकतों के साथ खड़े होने वाले लोग हैं. जब ओवैसी फिलिस्तीन जिंदाबाद कह रहे थे तब सपा के सांसद कहां थे?
वीडी शर्मा ने आगे कहा कि यह देश विरोधी ताकतों के साथ खड़े हैं. भारत में आस्थिरता लाना चाहते हैं. ऐसे लोग गलती से जीत करके आ गए हैं. भ्रम में ना रहें. देश की जनता जल्दी ही फिर से जवाब देगी. वहीं ओवैसी के मामले में उन्होंने कहा कि उसकी सदस्यता समाप्त होनी चाहिए. सांसद वीडी शर्मा चंदला क्षेत्र में मतदाता आभार कार्यक्रम में शामिल होने आये थे.
कहां से शुरू हुआ विवाद
लोकसभा की कार्यवाही के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने संसद से सेंगोल हटाकर उसकी जगह संविधान की प्रति रखने की मांग की. उन्होंने प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखकर कहा है कि देश आजाद हो चुका है, यह संविधान से चलेगा या राजा के डंडे से? संसद भवन से सेंगोल हटाकर उसकी जगह भारतीय संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित की जाए. संविधान लोकतंत्र का एक पवित्र ग्रंथ है, जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है. संसद लोकतंत्र का मंदिर है, किसी राजा-रजवाड़े का राजमहल नहीं.’
किसने क्या कहा?
चौधरी के इस बायन का कांग्रेस ने भी समर्थन किया. पार्टी ने कहा कि 'इस बारे में हमारा साफ कहना है कि सेंगोल राजसत्ता का प्रतीक है और राजशाही का दौर खत्म हो चुका है.’ RJD सांसद मीसा भारती ने भी कहा कि वह सेंगोल की जगह संसद में संविधान की प्रति लगाए जाने की मांग का स्वागत करती हैं. दूसरी ओर भाजपा ने विपक्ष की इस मांग को भारतीय संस्कृति के अपमान से जोड़ा. यूपी के CM योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘सपा भारतीय इतिहास और संस्कृति का सम्मान नहीं करती है. यह विरोध खास तौर पर तमिल संस्कृति के प्रति इंडिया ब्लॉक की नफरत को भी दिखाता है.’