MP election 2023: विदिशा (Vidisha) से साल 2013 के चुनावों में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) चुनाव लड़े. लेकिन, जब वो उन्होंने विदिशा को छोड़ बुधनी को अपनी सदस्यता के लिए चुना. इसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा के ही कल्याण सिंह ठाकुर ने जीत हासिल की. लेकिन, इसके बाद बीजेपी फिर नहीं जीत पाई. जानिए जिले की बासौदा (Basoda), कुरवाई (Kurwai), सिरोंज (Sironj), शमशाबाद (Shamshabad) में पिछले चुनाव के आंकड़े क्या कहते हैं? (Vidhan Sabha Chunav Report).
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MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश की राजनीति में विदिशा जिला काफी महत्वपूर्ण हैं. यहां से एक से बढ़कर एक दिग्गज चुनाव लड़ते रहे हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हों या पूर्व वित्त मंत्री राघवजी या फिर लक्ष्मीकांत शर्मा सभी ने यहां से सदस्यता लेकर भोपाल में झंडे गाड़े. जानिए जिले की अन्य 4 विधानसभा सीटों बासौदा (Basoda), कुरवाई (Kurwai), सिरोंज (Sironj), शमशाबाद (Shamshabad) में पिछले चुनाव के आंकड़े क्या कहते हैं? (Vidhan Sabha Chunav Report).
बीजेपी के लिए यहां टर्निंग प्लाइंट साल 2013 में आया जब दो जगहों से चुनाव लड़ने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा को छोड़ बुधनी को अपनाया. पहला उपचुनाव से भाजपा ने यां से जीत लिया. लेकिन, उसके बाद कभी वापसी नहीं हो पाई.
वर्तमान स्थिति (2018)
विदिशा जिले की 5 में से 4 सीटे अनरिजर्व हैं. केवल एक सीट कुरवाई SC के लिए रिजर्व है. इसमें भी भाजपा का कब्जा है. बाकी की बची 4 में से एक पर कांग्रेस के शशांक श्रीकृष्ण भार्गव और बाकि 3 पर बीजेपी के नेताओं ने कब्जा जमा रखा है.
वोटों के आंकड़े
विदिशा- कुल वोट 203390 में महिला वोटर 97138 और पुरुष वोटर 106248 हैं
बासौदा- कुल वोट 189766 में महिला वोटर 89234 और पुरुष वोटर 100528 हैं
कुरवाई- कुल वोट 206178 में महिला वोटर 97017 और पुरुष वोटर 109161 हैं
सिरोंज- कुल वोट 193527 में महिला वोटर 90178 और पुरुष वोटर 103347 हैं
शमशाबाद- कुल वोट 175311 में महिला वोटर 81805 और पुरुष वोटर 93504 हैं
2018 में वोट शेयर
विदिशा से भाजपा को 64878 वोट जबकि कांग्रेस को 80332 वोट मिले थे. वहीं अन्य के खाते में 7986 वोट आए थे.
बासौदा से भाजपा को 73520 वोट जबकि कांग्रेस को 63294 वोट मिले थे. वहीं अन्य के खाते में 9523 वोट आए थे.
कुरवाई से भाजपा को 80264 वोट जबकि कांग्रेस को 63569 वोट मिले थे. वहीं अन्य के खाते में 10374 वोट आए थे.
सिरोंज से भाजपा को 83617 वोट जबकि कांग्रेस को 48883 वोट मिले थे. वहीं अन्य के खाते में 19677 वोट आए थे.
शमशाबाद से भाजपा को 62607 वोट जबकि कांग्रेस को 55267 वोट मिले थे. वहीं अन्य के खाते में 14372 वोट आए थे.
2018 के आंकड़े
विदिशा से कांग्रेस के शशांक श्रीकृष्ण भार्गव ने एकले जिले में पार्टी के लिए सीट जीती. उन्होंने बीजेपी के मुकेश टंडन को 15454 मतों यानी करीब 10.20% फीसदे के अंतर से हरा दिया. वहीं बासौदा से बीजेपी की लीना संजय जैन कांग्रेस के निशंक कुमार जैन से मुकाबला जीत लीं. कुरवाई हरि सिंह सप्रे ने कांग्रेस के सुभाष बोहत, सिरोंज से उमाकांत शर्मा ने मसर्रत शाहिद को और शमशाबाद राजश्री से कांग्रेस के ज्योत्सना यादव को हरा कर बीजेपी के खाते में 4 सीटें डाली.
2013 के आंकड़े
साल 2013 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो जगहों विदिशा और बुधनी से चुनाव लड़ा. लेकिन, उन्होंने विधानसभा जाने के लिए बुधनी को चुना. जिसके बाद पहला उपचुनाव भजपा के कल्याण सिंह ठाकुर जीते. हालांकि, इसके बाद हुए चुनावों में बीजेपी यहां वापसी नहीं कर पाई. ऐसे में 2023 में भजापा चाहेगी की यहां उसकी वापसी हो जाए. 2013 के चुनावों में बीजेपी को 5 में 3 सीटें मिली थी. जबकि, कांग्रेस के खाते में केवल 2 सीटें ही गई थी.
2008 के आंकड़े
साल 2008 में लगातार यहां की 5 सीटों पर बीजेपी का कब्जा रहा है. विदिशा से कांग्रेस के शशांक भार्गव को हराकर राघवजी, बासौदा से कांचेड़ीलाल जैन को हराकर बीजेपी के हरि सिंह रघुवंशी, कुरवाई से माया देवी सप्रे को हराकर बीजेपी के हरि सिंह सप्रे, सिरोंज से बुंदेल सिंह यादव को हराकर बीजेपी के लक्ष्मी कांत शर्मा, शमशाबाद से विक्रम सिंह को हराकर बीजेपी के सूर्य प्रकाश मीणा विधायक बने.
2003 के आंकड़े
इस साल हुए चुनाव में बीजेपी ने 5 विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाया. इलाके से कांग्रेस के बड़े-बड़े कद्दावर चुनाव हार गए. विदिशा गुरुचरण सिंह, बासौदा से हरि सिंह रघुवंशी, कुरवाई से श्यामलाल पंथी, सिरोंज से लक्ष्मीकांत शर्मा, शमशाबाद से राघवजी विधायक बने.
साल 2003 और 2008 में लगातार 2 बार सारी सीटों पर कब्जा जनाए रखने के बाज बीजेपी आजतक यहां पूरी तरह से वापसी नहीं कर पाई. ऐसे में भाजपा इस बार इस टास्क पर काम कर रही है कि यहां से 5 सीटों पर जीत हासिल की जाए. खासतौर से सीएम शिवराज सिंह के छोड़ने के बाद हाथ से गई विदिशा को तो हासिल कर ही लिया जाए.