Ujjain News: भगवान महाकालेश्वर की भस्मार्ती करने वालो को सज्जन वर्मा ने पाखंडी कहा. इस पर संत समाज आक्रोशित हो गया है. उन्होंमे जवाब में एक चैलेंज दे दिया है.
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Ujjain News: राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन। मंगलवार को उज्जैन में नारी सम्मान योजना को लेकर प्रेस वार्ता करने पहुंचे पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने भगवान महाकाल की भस्मार्ती को लेकर एक विवादित बयान दे दिया. विवादित बयान को लेकर संत अवधेश पुरी महाराज ने अब सज्जन वर्मा को आड़े हाथों लिया है और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कांग्रेस को एक चैलेंज दिया है. उन्होंने कहा कि चैलेंज पूरा करो तब ही हम आपको श्रेष्ठ महान और भगवान शिव का भक्त मानेंगे.
क्या है मामला और क्या चैलेंज
सज्जन वर्मा ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि यह जो लोग भस्मार्ती और फलां ढिमका चोला पहनकर करते हैं. यह सब करने वाले पाखंडी लोग है जिन्होंने पहले चुनाव में राम को बेचा अब शिव को बेच रहे हैं. मैं ईश्वर की कसम खाकर कहता हूं जब मैं प्रभारी मंत्री था 1 दिन भी गर्भ ग्रह में नहीं घुसा. मेने नंदी हॉल में बैठकर साधना की.
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सज्जन सिंह वर्मा को मिला चैलेंज
पाखंडी बताने वाले बयान को लेकर संत अवधेश पुरी महाराज ने सज्जन वर्मा को चैलेंज दिया और कहा कि यह पाखंडी साधु संत पंडे पुजारी या भाजपा किसको कह रहे हो यह क्लियर करो और वाकई श्रेष्ठ हो, महान हो, भगवान शिव के भक्त हो तो अपने मेनिफेस्टो में भगवान महाकालेश्वर के धाम में दर्शन शुल्क व्यवस्था को बंद करने, वीआईपी कल्चर व्यवस्था को खत्म करने व मध्यप्रदेश में सरकारी करण से मठ मंदिरों को मुक्त करवाने का वादा करो.
पीएम मोदी को लिखा पत्र
संत अवधेश पुरी महाराज ने वीआईपी कल्चर व्यवस्था को खत्म करने व मंदिर में निशुल्क दर्शन व्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है जिसे हिंदूवादी सरकार माना जाता है. लेकिन, यह घोर आश्चर्य की बात है कि हिंदूवादी सरकार के कार्यकाल में बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग दरबार में नागरिकों के संवैधानिक मूल अधिकारों का हनन किया जा रहा है.
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अवधेश पुरी दर्शन शुल्क व वीआईपी कल्चर द्वारा गरीब और अमीर के बीच भेदभाव किया जा रहा है. गरीब भक्तों को भगवान से दूर किया जा रहा है. धारा 14 धारा 25 धारा 26 व अन्य का हवाला देते हुए उन्हने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता, धार्मिक संस्थाओं की स्थापना संपत्ति का अर्जन व कई बातों हैं. इससे लोगों को अधिकार मिलते हैं.
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