पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ किया गया. शरद यादव के अंतिम सफर में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी सहित राजनीतिक दलों के कई प्रतिनिधि शामिल हुए.
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अभिषेक गौर/नर्मदापुरमः पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव को उनके गृह ग्राम आंख मऊ में आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. अंतिम संस्कार के दौरान बेटी सुभाषिनी और बेटे शांतनु ने स्वर्गीय शरद यादव को मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया, इस दौरान केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी सहित राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद रहे.
बता दें कि परिजन दोपहर करीब 3:30 बजे शरद यादव का पार्थिव शरीर लेकर ग्राम आंखमऊ पहुंचे. अपने नेता को देखकर गांव में शोक की लहर छा गई. शाम करीब 5:00 बजे घर के समीप बने खलिहान में धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया.
गांव से था बहुत लगाव
अपने गांव और गांव के लोगों से खासा प्रेम रखने वाले शरद यादव जी अक्सर अपने परिजनों से कहा करते थे कि, संसार से जाने पर अंतिम संस्कार गांव पर ही किया जाए. शरद यादव जी का बचपन ग्राम आंखमऊ में बीता है और प्रारंभिक पढ़ाई भी उनकी गांव में ही रह कर हुई, परिजनों के मुताबिक गांव पर प्रवास पर आने के दौरान वह अक्सर खलिहान में समय बिताया करते थे. उनकी इच्छा थी कि खलिहान में ही उन्हें विदा किया जाए. उनकी इच्छा के अनुरूप खलिहान में उन्हें अंतिम विदाई दी गई. प्रशासन द्वारा राजकीय सम्मान के साथ सशस्त्र सलामी देते हुए गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. परिजनों और ग्राम वासियों ने अपने चहेते नेता को नम आंखों से विदा किया. इस दौरान प्रशासन के आला अधिकारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.
आपातकाल के समय जेल में बंद थे शरद यादव
जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव स्पष्ट बोलने व ईमानदार नेता के रूप में जाने जाते थे. शरद यादव का राजगढ़ जिले से भी कनेक्शन रहा है. यादव सहित तीन समाजवादी नेता आपातकाल के समय. राजगढ़ जिले के नागरिकों के साथ नरसिंहगढ़ जेल में बंद रहे थे.
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