सतना के हिनौता ग्राम में एक स्कूल खंडहर पड़ा है. 5 वर्षों से विद्यालय में ताला लटका है.विद्यालय जाने के लिए पहुंच मार्ग भी नहीं है. चारों तरफ किसानों ने अपने खेतों की जुताई कर दी है.
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संजय लोहानी/सतना: जिले के हिनौता ग्राम में एक ऐसा विद्यालय जहां कागजों में सिर्फ एक छात्र और एक ही शिक्षक है, लेकिन उससे भी,बड़ी बात. यह है कि विगत 5 वर्षों से इस विद्यालय का ताला नहीं खुला और इसके ब्लैक बोर्ड पर वर्ष 2018 के बाद चाक नहीं चली. इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी अपना अलग राग अलाप रहे हैं.
Satna जिला के बिरसिंहपुर तहसील के अंतर्गत हिनौता ग्राम (Hinota Village under Birsinghpur Tehsil) के शासकीय प्राथमिक शाला में एक छात्र और एक शिक्षक पदस्थ हैं. दोनों सिर्फ कागजों तक ही सीमित हैं. विद्यालय खंडहर में तब्दील हो रहा है. विद्यालय जाने के लिए पहुंच मार्ग भी नहीं है. चारों तरफ किसानों ने अपने खेतों की जुताई कर दी है. इस विद्यालय के अंदर कक्षा में बने ब्लैक बोर्ड में वर्ष 2018 के बाद चाक नहीं चली है, कुर्सी टेबल में धूल का अंबार लगा हुआ है.
विगत 5 वर्षों से नहीं खुला है विद्यालय
इस बारे में जब ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विगत 5 वर्षों से यह विद्यालय नहीं खुला है. इस विद्यालय के शिक्षक फर्जी तरीके से विद्यालय में छात्र संख्या दर्ज कर लेते हैं. ऐसा ही एक मामला गांव के निवासी दीपू मिश्रा एवं उसके मित्र के साथ विद्यालय के शिक्षक विजय कुमार वर्मा कर चुके हैं. शिक्षक ने करीब 45 साल के दीपू एवं उनके मित्र को कक्षा 1 और कक्षा 2 का छात्र बना कर फर्जी तरीके से नाम दर्ज कर विद्यालय में अपनी उपस्थिति बनाए रखे थे. जब इस बारे में ग्रामीणों को पता चला तब उन्होंने इसका विरोध जताया. इसके बाद शिक्षक को उनका नाम हटाना पड़ा.वहीं एक ऐसे छात्र का नाम विद्यालय में दर्ज करा रखा है. यह तो किसी को मालूम नहीं है,लेकिन विगत कई वर्षों से विद्यालय बंद है और इसे कोई देखने और सुनने वाला नहीं है.
वहीं इस बारे में जब संकुल प्रभारी धर्मेंद्र गुप्ता से बात की गई तो वो अपना अलग राग अलाप रहे हैं. उनकी माने तो उस विद्यालय में विजय कुमार वर्मा शिक्षक पदस्थ हैं और एक ही छात्र वहां पर अध्यनरत है, लेकिन विद्यालय बंद है आज तक उन्हें कोई सूचना नहीं मिली. शिक्षक की लापरवाही मानते हुए उन्होंने इस मामले पर मौके पर जाकर जांच करने की बात कही है. बता दें कि विजय कुमार वर्मा 40 हजार का वेतन हर माह अपने घर बैठे उठा रहे हैं.