Rewa 8 Gaushala blacklisted: मध्य प्रदेश के रीवा में गौशलाओं के नाम पर अवैध फंड वसूली (illegal fund collection) का मामला सामने आया है. इसे लेकर केंद्रीय एनिमल वेलफेयर ने एक्शन ( Central Animal Welfare Action ) लेते हुए जिले की 8 गौशालाओं को ब्लैकलिस्टेड कर दिया है.
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अजय मिश्रा/रीवा(Rewa): गौशलाओं के नाम पर अवैध फंड वसूली (illegal fund collection) को लेकर केंद्रीय एनिमल वेलफेयर ( Central Animal Welfare Action ) सख्त रुख अपना रहा है. हाल ही में रीवा में हुई जांच के बाद अवैध फंड वसूली का मामला सामने आने पर इनके खिलाफ एक्शन लिया गया है. केंद्रीय एनिमल वेलफेयर ने रीवा में संचालित 8 गौशालाओं ब्लैकलिस्ट (Gaushala blacklisted) कर दिया है.
जांच के बाद लिया गया एक्शन
रीवा में गौशालाओं के नाम पर लंबे समय से अवैध रूप से फंड वसूलने का काम किया जा रहा था, जिसका खुलासा बुधवार को केंद्रीय एनिमल वेल्फेयर के सदस्य राम कृष्ण रघुवंशी की जांच में हुआ है. बताया जा रहा है कि 2 दिवसीय प्रवास पर रीवा पहुंचे केंद्रीय एनिमल वेल्फेयर के सदस्य राम कृष्ण रघुवंशी ने जिले में संचालित गौशालाओ का निरीक्षण किया तब इसका खुलास हुआ.
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दर्ज हो सकती है FIR
राम कृष्ण रघुवंशी की जांच में सामने आया कि त्योंथर तहसील क्षेत्र की 8 गौशालाएं ऐसी है, जहां डिस्पेंसरी के नाम पर गलत तरीके से केवल सरकारी फंड निकाला जा रहा था. जिसके बाद उन्होंने तत्काल सभी 8 गौशालाओं को ब्लैक लिस्टेड कर दिया. रिकवरी का नोटिस भेज दिया गया है. समस्त गौशालाओं पर रिकवरी ना होने पर FIR दर्ज कराने की बात कही.
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लंबे समय से मिल रही थी शिकायत
रीवा जिले में फर्जी तरीके से संचालित गौशालाओं की शिकायत लंबे समय से केंद्रीय एनिमल समिति को मिल रही थी, जिसकी जांच के लिए दिल्ली से केंद्रीय एनिमल वेलफेयर समिति के सदस्य रामकृष्ण रघुवंशी को रीवा भेजा गया था. उन्होंने जिले भर में भ्रमण किया इस दौरान त्योंथर तहसील क्षेत्र मे संचालित तकरीबन 8 गौशालाएं ब्लैक लिस्टेड निकली.
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जांच में नहीं मिला प्रशासन का सहयोग
केंद्रीय एनिमल वेलफेयर समिति के सदस्य रामकृष्ण रघुवंशी ने बताया कि जब वह जांच के लिए रीवा पहुंचे तो प्रोटोकॉल के तहत उनकी जानकारी प्रशासन को दी गई. परंतु जांच में उन्हें प्रशासनिक सहयोग नहीं मिला तथा प्रशासन का कोई भी आदमी 2 दिनों तक उनसे मिलने भी नहीं पहुंचा. रामकृष्ण रघुवंशी का मानना है कि प्रशासन को पहले ही अपनी गलती का आभास हो गया, जिसकी वजह से वह जांच में सहयोग के लिए नहीं पहुंचे.