शिक्षा विभाग का गजब कारनामा: बलात्कारी दामाद को बनाया गर्ल्स स्कूल का गेस्ट टीचर!
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शिक्षा विभाग का गजब कारनामा: बलात्कारी दामाद को बनाया गर्ल्स स्कूल का गेस्ट टीचर!

आरोपी शिक्षक विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रीतम सिंह राजपूत का दामाद है. हैरत की बात ये है कि बलात्कार के आरोपी की गर्ल्स स्कूल में अतिथि शिक्षक के तौर पर नियुक्ति को लेकर विभागीय अधिकारी अंजान हैं.

शिक्षा विभाग का गजब कारनामा: बलात्कारी दामाद को बनाया गर्ल्स स्कूल का गेस्ट टीचर!

संदीप मिश्रा/डिंडौरीः मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में शिक्षा विभाग का गजब कारनामा सामने आया है. दरअसल यहां के एक सरकारी गर्ल्स स्कूल में गेस्ट टीचर के तौर पर एक बलात्कार के आरोपी की निुक्ति कर दी गई है. आरोपी शिक्षक विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रीतम सिंह राजपूत का दामाद बताया जा रहा है. वहीं मामले के खुलासे के बाद विभागीय अधिकारी जांच की बात कर रहे हैं.

क्या है मामला
खबर के अनुसार, कोतवाली थाना पुलिस ने एक पीड़िता की शिकायत पर छत्रपाल ठाकुर के खिलाफ बलात्कार और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था. फिलहाल आरोपी कोर्ट से जमानत पर छूटा हुआ है. अब खबर आई है कि समनापुर विकासखंड मुख्यालय में स्थित सरकारी गर्ल्स स्कूल में रेप के आरोपी छत्रपाल ठाकुर को अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति किया गया है. अब इस पर सवाल उठ रहे हैं.

पता चला है कि आरोपी शिक्षक विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्रीतम सिंह राजपूत का दामाद है. हैरत की बात ये है कि बलात्कार के आरोपी की गर्ल्स स्कूल में अतिथि शिक्षक के तौर पर नियुक्ति को लेकर विभागीय अधिकारी अंजान हैं. हालांकि अब हंगामे के बाद अधिकारी आरोपी को अतिथि शिक्षक के पद से हटाने की बात कह रहे हैं. वहीं इस मामले ने सियासी रंग भी ले लिया है. दरअसल विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसे लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं और शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर सांठगांठ का आरोप लगाते हुए आरोपी शिक्षक को तत्काल पद से हटाने की मांग की है. 

वहीं एक अन्य मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने बलात्कार के आरोपी टीचर को जमानत देने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि एक टीचर से रक्षक के रूप में काम करने की अपेक्षा की जाती है. आरोपी के इस जघन्य कृत्य से पूरी जिंदगी पीड़िता पर मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक प्रभाव पड़ेगा. कोर्ट ने कहा कि जहां विश्वासघात किया है और सामाजिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में आरोपी किसी भी सहानुभूति या उदारता के लायक नहीं है.  

 

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