Veerangana Durgavati Wildlife Sanctuary: जंगल सफारी और टाइगर्स में रुचि रखने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है. देश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व में इन दिनों रौनक है और सैलानियों को यहां टाइगर देखने को मिल रहे हैं. जंगल और सड़क पर दिखाई दे रहे इन टाइगर्स को लेकर वन विभाग लोगों को अलर्ट कर रहा है. विभाग का कहना है कि ग्रामीण जंगलों से दूरी बनाए रखें. उनका बिना सुरक्षा के जंगल जाना खतरनाक हो सकता है.
बीते महीनों में दमोह जिले के रानी दुर्गावती अभयारण्य और सागर जिले के नौरादेही अभयारण्य को एक किया गया. अब ये दुर्गावती अभयारण्य है. क्षेत्रफल के हिसाब से यह देश का सबसे बड़ा सेंचुरी एरिया है. अभी तक इस जगह पर 16 टाइगर्स थे, लेकिन बीते हफ्ते यहां बांधवगढ़ से एक नर और एक मादा टाइगर्स को लाकर जंगल मे छोड़ा गया और संख्या 18 हो गई है.
दो नए टाइगर्स को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि क्या नई जगह पर ये दोनों टाइगर्स खुद को ढाल पाएंगे तो इस शंका पर भी विराम लग गया है. टाइगर्स की मॉनिटरिंग करने वाले वन अमले ने एक वीडियो जारी किया है, जिसमे बांधवगढ़ से आई मादा टाइगर कजली दिखाई दे रही है और नए जंगल मे वो खुश नजर आ रही है.
वन अमले के मुताबिक, कजली ने दो दिन पहले गाय का शिकार भी किया जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि नये इलाके में आये टाइगर्स खुद को सहज महसूस कर रहे हैं. इन मामलों के जानकार बताते हैं कि शिकार करना मतलब टाइगर का खुद को इस टेरिटरी में अनुकूल होना है.
इलाके में बढ़ रहे टाइगर्स के मूवमेंट के मद्देनजर वन विभाग की जरा चिंता भी बड़ी है. दमोह से डीएफओ महेंद्र उइके के मुताबिक दमोह और सागर जिले से लगे अभयारण्य के इलाके में अभी बहुत से गांव हैं. जहां से विस्थापन नहीं हुआ है.
मतलब जंगली इलाके के पुराने बसे गावों में लोग रह रहे हैं. इन दिनों महुआ सीजन भी चल रहा है. लिहाजा ग्रामीण जंगलों में महुआ बीनने जाते हैं, चूंकि इन जंगलों में दो नए टाइगर्स अपनी टेरिटरी बना रहे हैं और ऐसे में वो हमलावर हो सकते हैं.
लिहाजा ग्रामीणों को जंगल से दूरी बनाए रखने की बात कही जा रही है, जिसके लिए वन विभाग लगातार अलर्ट भी कर रहा है. बहरहाल नए टाइगर्स का यहां के जंगलों में ढल जाना खुशी से भरी खबर हैं. वहीं सैलानियों के लिए आने वाले दिन रोमांचक होंगे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है.
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