Nagdwar Yatra: सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में नागद्वारी यात्रा शुरू हो गई है. 10 दिनों तक चलने वाले नागद्वारी मेले में शामिल होने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. 'MP के नागलोक' के नाम से प्रसिद्ध ये मंदिर साल में सिर्फ 10 दिनों के लिए खुलता है. जानिए मंदिर के बारे में-
Nagdwar Yatra 2024: साल में एक बार खुलने वाला मध्य प्रदेश का नागेश्वर मंदिर खुल गया है. इस मंदिर में दर्शन के लिए नागद्वारी यात्रा भी 1 अगस्त से शुरू हो गई है. यात्रा के पहले दिन वादियों के बीच 16 KM की दुर्गम पहाड़ों को चढ़ते हुए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. इस मंदिर को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं.
सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी में प्रसिद्ध नागद्वारी मेले का आगाज हो गया है. 1 अगस्त से शुरू हुआ ये मेला 10 दिनों तक चलने वाला है. इस मेले में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से श्रद्धालु नाग देवता के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.
इस यात्रा को देश की 'मिनी अमरनाथ यात्रा' भी कहा जाता है. नाग देवता के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को नागद्वारी यात्रा करनी पड़ती है. ये यात्रा 16 KM की होती है, जो वादियों और दुर्गम पहाड़ों के बीच से गुजरती है.
पचमढ़ी स्थित नागद्वारी मंदिर साल में सिर्फ 10 दिनों के लिए खुलता है. ऐसे में 10 दिन तक यहां विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने और नागराज के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं.
देश का मिनी अमरनाथ कहलाने वाला नागद्वारी मंदिर कई किवदंती और कहानियों से भरपूर है. इस यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं में नई ऊर्जा का संचार हो जाता है. मान्यता हे की यहां संतान प्राप्ति के लिए लोग हजारों किलोमीटर दूर से आते हैं.
नागलोक में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को सात दुर्गम पहाड़ों को चढ़कर, ऊंचे-नीचे सर्पाकार पगडंडियों और सीढ़ियों की मदद से मंदिर तक पहुंचना होता है. यही कारण है कि नागद्वार यात्रा की तुलना 'अमरनाथ यात्रा' से की जाती है. यहां जटाशंकर,नाग महादेव चौरागढ़, निशानगढ़,गणेश पर्वत समेत अन्य स्थान है. इनमें प्रसिद्ध नागद्वार मंदिर,पहाड़ों के बीच गुफा में स्थित है.
बड़ी संख्या में यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने पूरे मेला क्षेत्र में 750 जवान सहित ढाई सौ से ज्यादा शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को तैनात किया है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़