Narayanpal Temple: छत्तीसगढ़ के बस्तर में भगवान विष्णु का एक प्राचीन मंदिर है, जिसे नागवंशी शासकों ने बनवाया था. यह मंदिर बेहद ही अद्भुत और भव्य है.
छत्तीसगढ़ का बस्तर अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए देश भर में जाना जाता है. प्राकृतिक खूबसूरती के अलावा बस्तर रियासत काल में बनाए गए मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां कई भव्य और बेहद खूबसूरत मंदिरों का निर्माण किया है.
बस्तर के भव्य मंदिरों में से एक है भगवान विष्णु का मंदिर. इस मंदिर का निर्माण लगभग 1000 साल पहले छिंदक नागवंश के राजा जगदीश भूषण ने कराया था. राजा जगदीश की पत्नी मुंमुडा देवी भगवान विष्णु की भक्त थी.
जगदलपुर से करीब 60 KM की दूरी पर नारायणपाल गांव में ये 1000 साल पुराना मंदिर स्थित है. इस मंदिर को नारायणपाल विष्णु मंदिर कहा जाता है. लाल पत्थर से बने इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 70 फीट होगी.
नारायणपाल विष्णु मंदिर नागकालीन उन्नत वास्तुकला का अद्भुत प्रमाण है. मंदिर में मिले शिलालेख से ये स्पष्ट होता है कि बस्तर के रहवासी देवालय निर्माण में राजाओं को धन देकर सहयोग करते रहे हैं. यहीं पर जैनाचार्यों ने कई ग्रंथों की रचना की थी.
इस मंदिर के अंदर लगभग 8 फुट ऊंचा एक शिलालेख है, जिसमें शिवलिंग, सूर्य- चंद्रमा, गाय और बछड़े की आकृति बनी हुई है. दरअसल, शिलालेख पर बनाए गए आकृति में बताया गया है कि मंदिर के निर्माण के लिए किन लोगों ने राजा को सहयोग किया था.
मंदिर के शिलालेख में बनाई गई आकृति में स्पष्ट तौर से उड़ीसा शैली नजर आती है. भाषण खंडो से निर्मित है इस मंदिर का निर्माण वेदिका पर किया गया है. मंदिर के गर्भगृह का शिखर बेहद विशाल और मनोहारी है.
बस्तर के चित्रकूट, तीरथगढ़ वॉटरफॉल घूमने के बाद पर्यटक नारायण पाल मंदिर में भगवान विष्णु के दर्शन जरूर करते हैं. नारायणपाल विष्णु मंदिर बस्तर की एक अनमोल ऐतिहासिक धरोहर है.
नारायणपाल विष्णु मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(ASI) द्वारा प्राचीन मंदिर स्मारक एवं पुरातात्विक जगह अवशेष अधिनियम 1958 के तहत संरक्षित है. लोगों का कहना है कि नारायणपाल मंदिर बस्तर जिले की इकलौती ऐसी मंदिर है जहां भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित है.
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