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Kartavya Path: मन मोह लेंगी कर्तव्यपथ की ये तस्वीरें, फोटोस में जानें सेंट्रल विस्टा का इतिहास

kartavya path Central Vista Avenue: सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के सेंट्रल विस्टा एवेन्यू और नेताजी की प्रतिमा पीएम मोदी ने उद्घाटन कर दिया है. यहां देखें प्रोजेक्ट की दिल खुश करने वाली तस्वीरें...

 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण और कर्तव्यपथ का उद्घाटन किया. इस मौके पर केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन मेघवाल, संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी मौजूद रहे.

 

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पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी का प्रतीक किंग्सवे यानि राजपथ, आज से इतिहास की बात हो गया है, हमेशा के लिए मिट गया है. आज कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन हुआ है. मैं सभी देशवासियों को आजादी के इस अमृतकाल में, गुलामी की एक और पहचान से मुक्ति के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं.

 

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सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का हिस्सा- बता दें ये दोनों निर्माण कार्य सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. इससे पहले जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन की छत पर बनाए गए अशोक स्तंभ का भी अनावरण कर चुके हैं.

 

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मैसूर के पांचवीं पीढ़ी के मूर्तिकार अरुण योगीराज के नेतृत्व में नेताजी की प्रतिमा का निर्माण हुआ है. इसे 280 मीट्रिक टन वजन वाले ग्रेनाइट के एक अखंड ब्लॉक से उकेरा गया है.

 

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26,000 घंटे की मेहनत के बाद, 65 मीट्रिक टन वजनी मूर्ति का निर्माण करने के लिए ग्रेनाइट मोनोलिथ को तराशा गया था. नेता जी सुभाष चंद्र बोस के 600 चित्रों को परखने के बाद इसे तैयार किया गया.

 

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सेंट्रल विस्टा एवेन्यू सेंट्रल विस्टा मास्टर प्लान का हिस्सा है. राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच  की सड़क और उसके दोनों ओर के इलाके को सेंट्रल विस्टा एवेन्यू कहते हैं. सेंट्रल विस्टा परियोजना की सितंबर 2019 में घोषणा की गई थी.

 

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कई अड़चनों के बाद 2021 में इसका निर्माण शुरू हुआ. इस परियोजना पर कुल 608 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इस पूरे प्रोजेक्ट का काम जनवरी 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है.

 

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रायसीना हिल परिसर से इंडिया गेट तक फैले राष्ट्रीय राजधानी का इस पथ नयी दिल्ली के बीचों बीच एक राजसी केंद्रीय धुरी थी. ब्रिटिश सम्राट किंग जॉर्ज पंचम द्वारा प्रशासन के केंद्र कलकत्ता (अब कोलकाता) से दिल्ली स्थानांतरित करने के बाद इसका निर्माण किया गया था.

 

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आजादी के तुरंत बाद किंग्सवे का नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया अब, राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया.

 

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नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक के 3.2 किमी लंबे क्षेत्र को सेंट्रल विस्टा कहते हैं. इस इलाके की कहानी 1911 से शुरू होती है. उस समय भारत में अंग्रेजों का शासन था. एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर की निगरानी में इसका निर्माण किया गया. इसी का नाम निर्माण पूरा होने के बाद किंग्सवे कर दिया गया था.