Innovation For Education: मध्य प्रदेश के उमरिया एसपी प्रमोद सिन्हा ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नवाचार किया है. उन्होंने पुलिस कर्मियों के बच्चों को पढ़ाने के लिए एक केंद्र की स्थापना की है. इसे बच्चे अब एसपी अंकल की पाठशाला के नाम से भी जानते हैं. पढ़िए नवाचार की पूरी कहानी...
प्रगाढ़ हो रहा है सामाजिक रिश्ता: एसपी के शिक्षा में इस नवाचार से जहां छात्र शिक्षा के क्षेत्र में लाभान्वित हो रहे हैं. वहीं स्कूलों में न मिलने वाली शिक्षा भी उन्हें मिल रही है और पुलिस परिवार के बीच सामाजिक रिश्ता भी प्रगाढ़ हो रहा है.
पुलिस परिवारों को मिल रहा फायदा: समाज मे पुलिस की सेवा सबसे टफ मानी जाती है दिन भर की व्यस्तता और मानसिक तनाव के बाद पुलिस अधिकारी जब घर पंहुचते हैं तो उन्हें बच्चों का होमवर्क चेक करने या कराने का समय नहीं मिलता. ऐसे में एसपी प्रमोद सिन्हा के द्वारा किया गया नवाचार पुलिस परिवार और बच्चों के लिए काफी लाभदायक हो रहा है.
कठिन विषयों का दिया जा रहा ज्ञान: उमरिया जिले में पुलिस लाइन जिला मुख्यालय से तकरीबन 12 किमी दूर स्थित है. यहां जिला पुलिस बल के तकरीबन 200 परिवार रहते हैं. बच्चों के लिए आसानी से कोचिंग या ट्यूशन भी उपलब्ध नहीं हो पाता. लिहाजा उनके बच्चे अन्य छात्रों की अपेक्षा पढ़ाई में कमजोर रह जाते हैं.
पुलिस कर्मियों के कमजोर बच्चों को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधीक्षक ने पुलिस लाइन में अध्ययन केंद्र की स्थापना की और गणित, अंग्रेजी, विज्ञान जैसे कठिन विषयों को पढ़ाना शुरू कर दिया.
एसपी अंकल की पाठशाला में कंपटीटिव तैयारी: एसपी अंकल की पाठशाला तकरीबन 100 से अधिक बच्चों को रोजाना अध्ययन अध्यापन का लाभ दे रही है. इसके अलावा 10वीं और 12वीं के छात्रों को कंपटीटिव एग्जाम की भी तैयारी विशेषज्ञ पुलिस अधिकारीयों द्वारा कराई जा रही है.
पुलिस अधिकारियों का शिक्षा के प्रति यह नवाचार अन्य लोगों के लिए शिक्षा के प्रति सकारात्मक संदेश दे रहा है. इससे अन्य विभाग और समाज के लोग प्रेरित होकर बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा का प्रबंध करें तो मुहिम रंग लाए.
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