Atal Bihari Vajpayee Jayanti 2022: आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है. भारत में हर साल 25 दिसंबर को अटल जी की जयंती के रूप में सुशासन दिवस मनाया जाता है. गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी सिर्फ राजनेता नहीं थे, वे एक कवि , पत्रकार और बहुत सारी प्रतिभाएं उनमें थीं.आइए आज उनकी जयंती पर पढ़ते हैं उनके कुछ अनमोल विचार.
परमात्मा भी आकर कहे कि छुआछूत मानो, तो मैं ऐसे परमात्मा को भी मानने को तैयार नहीं हूं, लेकिन परमात्मा ऐसा कर ही नहीं सकता.
जीवन को टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता, उसका ‘पूर्णता’ में ही विचार किया जाना चाहिए.
सेवा-कार्यों की उम्मीद सरकार से नहीं की जा सकती. उसके लिए समाज-सेवी संस्थाओं को ही आगे उगना पड़ेगा.
मेरे पास न तो दादा की दौलत है और न ही पिता की संपत्ति, मेरे पास सिर्फ मेरी मां का आशीर्वाद है, जो इन सबसे बहुत बड़ा है.
आप दोस्तों को बदल सकते हो, लेकिन पड़ोसियों को नहीं.
हमारे पड़ोसी कहते है की एक हाथ से ताली नही बज सकती. हमने कहा चुटकी तो बज ही सकती है.
जब मैं बोलना चाहता हूं तो लोग सुनते नहीं, जब लोग चाहते हैं, की मैं बोलूं तो मेरे पास बोलने को कुछ नहीं होता.
मैं यहां वादे लेकर नहीं, इरादे लेकर आया हूं.
जलना होगा, गलना होगा और हमें कदम मिलाकर एक साथ चलना होगा.
यदि आपको किसी विशेष पुस्तक में कुछ भी पसंद नहीं है, तो बैठकर चर्चा करें. पुस्तक पर प्रतिबंध लगाना कोई हल नहीं है. हमें इसे वैचारिक रूप से निपटना होगा.
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