AC system: मध्य प्रदेश के ओरछा में 500 साल पहले एसी कूलिंग सिस्टम था. यह उस समय की बेहतरीन इंजीनियरिंग का उदाहरण है.
आज के युग में लोग एक मिनट भी एसी के बिना रह नहीं सकते हैं. पंखे में तो लोगों के पसीने छूट जाते हैं. तो सोचिए पहले के जमाने जब एसी नहीं होता था तब लोगों का क्या हाल होता होगा. अगर ये कहा जाए की पहले के लोग ज्यादा अत्याधुनिक थे तो शायद ये गलत नहीं होगा. क्या 500 साल भी मध्य प्रदेश में एसी का सिस्टम था. जहां बाहर के मुकाबले 15 डिग्री कम तापमान रहता था.
ये एसी का सिस्टम मध्य प्रदेश के ओरछा में देखने को मिलता है. 500 साल पहले बुंदेला वंश राजाओं ने जब ओरछा को अपनी राजधानी बनाई थी तो उसे अत्याधुनिक तरीके से बनाया था.
गर्मी से बचने के लिए ओरछा में एयर कंडीशन रूम तैयार किए गए थे. राम राजा मंदिर प्रांगण में सावन.भादो एयर कूलिंग सिस्टम के टावर बने हैं. साथ ही यहां नहाने के लिए फाउंटेन भी लगाए गए थे.
दरअसल, राजा राम लोक के लिए सावन.भादो टावर के पास खुदाई के दौरान एक अत्याधुनिक रूम मिला था. 500 साल के बाद भी ये रूम अब भी बहुत खूबसूरत है. इस रूम में नहाने के लिए एक फाउंटेन भी देखने को मिल रहा है.
सावन.भादो के इस टावर में आते ही गर्मी एक दम से चली सी जाती है. ऐसे कहा जाता है कि ये उस समय का बेहतरीन कूलिंग सिस्टम है. यहां अंदर और बाहर के तापमान में 15 डिग्री से अधिक का अंतर है.
ऐसा कहा जा रहा है कि ये देश का एकमात्र ऐसा संरचना है. उस समय की बेहतरीन इंजीनियरिंग का उदाहरण है ये. ऐसी संरचना ज्यादातर ईरान में देखने को मिलती है.
पहले से समय ओरछा के तत्कालीन नरेश वीर सिंह जू देव और मुगलों से अच्छे संबंध बनाए जाते थे. मुगल भी ईरान से ही भारत में आए थे. इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि ये तकनीक भी ईरान से ही आई है.
सावन.भादो पिलर के नीचे मिले इस टावर में फाउंटेन के अंश मिले हैं. विषयों का कहना है कि ऐसी संरचना राज महल में भी होगी. कहा जाता है कि 25 फीट ऊंचे टॉवर से राज महल के अंदर हवा आती थी. इन टॉवर की खास बात तो ये भी है कि टॉवर में चारों ओर छिद्र छोड़े जाते थे. ऐसे में किसी भी ओर से हवा चलने पर इन टॉवर से नीचे जाती थी.
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