मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव का आगाज हो गया है. बीजेपी ने सरकार के मंत्रियों को नगरीय निकाय सीटों के साथ पंचायत चुनाव पर फोकस करने के लिए प्रभार और गृह जिले की जिम्मेदारी दी है.
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भोपाल: प्रदेश में पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जा चुकी है. निकाय चुनाव को लेकर भी तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं. ज्यादातर शहरों में निकाय चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी की जा चुकी है. इस बीच मध्य प्रदेश बीजेपी अपना पूरी दम लगा रही है. बीजेपी ने सरकार के मंत्रियों को नगरीय निकाय सीटों के साथ पंचायत चुनाव पर फोकस करने के लिए प्रभार और गृह जिले की जिम्मेदारी दी है.
चुनाव प्रबंधन समिति का फैसला
शनिवार को बीजेपी कार्यालय में हुई चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया है. इस संबंध में बीजेपी चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक और भाजपा के प्रदेश महामंत्री भगवान दास सबनानी ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि नगरीय निकाय सीटों के साथ पंचायत चुनाव पर फोकस करने के लिए मंत्रियों को उनके गृह जिले के साथ-साथ प्रभार वाले जिलों की जिम्मेदारी दी गई है.
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मंत्रियों पर होगी ये जिम्मेदारी
बता दें चुनाव प्रबंधन समिति से मिले निर्देश के बाद शिवराज सरकार के मंत्री अपने प्रभार वाले जिले के साथ अपने गृह जिले में भी ज्यादा एक्टिव नजर आएंगे. उनके ऊपर भाजपा समर्थित प्रत्याशियों के लिए वोट बटोरने की अहम जिम्मेदारी होगी. मंत्रियों को यहां पार्टी की नीति और सरकार के कामों का प्रचार भी करना होगा. इसके अलावा संभवतः प्रत्याशी चयन में भी उनका दखल हो.
ये है पंचायत चुनाव की तारीखें
बता दें मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. बारिश की संभावना के चलते पहले पंचायत चुनाव आयोजित कराए जा रहे हैं. ये तीन चरणों में सम्पन्न होंगे. पहले चरण की वोटिंग 25 जून, दूसरे चरण के लिए मतदान 1 जुलाई और 8 जुलाई को तीसरे चरण के लिए मतदान होगा. 1 जून से पहले निकाय चुनाव की अधिसूचना भी जारी हो जाएगी. यानि एक तारीख से पहले नगरीय निकाय चुनाव की तारीखें भी तय हो जाएगी.
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