शहीद की बेटी को चाहिए बदला! BSF से मांगा आतंकियों का सिर, बोली- फिर हो सर्जिकल स्ट्राइक
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शहीद की बेटी को चाहिए बदला! BSF से मांगा आतंकियों का सिर, बोली- फिर हो सर्जिकल स्ट्राइक

त्रिपुरा में बांग्लादेश सीमा पर शहीद हुए BSF जवान गिरजेश कुमार उद्दे का अंतिम संस्कार उनके गृह ग्राम में हो गया. इस दौरान उनकी बेटी ने BSF से भावुक अपील की. इसका वीडियो सामने आया है. इसमें बच्ची कह रही है कि उसे अपने पापा की मौत का बदला चाहिए.

शहीद की बेटी को चाहिए बदला! BSF से मांगा आतंकियों का सिर, बोली- फिर हो सर्जिकल स्ट्राइक

मंडला: भारी बारिश के बीच त्रिपुरा में शहीद हुए मध्यप्रदेश, मंडला के लाल गिरजेश उद्दे का अंतिम संस्कार किया गया. शहीद को जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया. रविवार को उनका पार्थिव शरीर मंडला के चरगांव माल पहुंचा. उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ लग गई. लोग छाता लेकर अंतिम यात्रा में शामिल हुए. शहीद के बड़े बेटे ने शव को मुखाग्नि दी वहीं भावुक हुआ बेटी ने BSF से बदले की आपील की. इसका वीडियो अब वायरल हो रहा है.

बच्ची ने BSF से की भावुक अपील
शहीद गिरजेश की बेटी चंद्रिका के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. बार-बार वह पिता को 'आई लव यू- आई लव यू' कह कर पुकार रही थी. शहीद की बेटी ने मांग की है कि जिन उग्रवादियों ने पिता को गोली मारी है, उनका सिर भी काटकर लाया जाए. बच्ची ने कहा कि उरी हमले के बाद जैसा हुआ, वैसी सर्जिकल स्ट्राइक एक बार फिर होनी चाहिए. मुझे उन आतंकियों का सिर चाहिए, तभी मुझे और पापा को शांति मिलेगी.

अंतिम यात्रा में शामिल हुई भारी भीड़
शहीद गिरिजेश की अंतिम यात्रा में गांव में शोक की लहर है. अंतिम यात्रा में महिलाएं, पुरुष और बच्चे सभी हाथों में तिरंगा झंडा लेकर 'गिरिजेश उद्दे अमर रहे' बोल रहे थे. ग्रामीणों ने नम आंखों से शहीद को श्रद्धांजलि दी. भारी बारिश के बाद भी शहीद की अंतिम यात्रा में महिला-पुरुष शामिल हुए। शहीद का अंतिम संस्कार उनके घर के ही पीछे किया गया.

शुक्रवार को शहीद हो गए थे गिरजेश
बता दें कि गिरजेश कुमार सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जवान के रूप में उत्तर त्रिपुरा के कंचनपुर में तैनात थे. बीते शुक्रवार को नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के संदिग्ध उग्रवादियों ने अचानक सैनिकों पर हमला कर दिया, जिसमें गिरजेश को चार गोलियां लगीं और वो मौके पर ही शहीद हो गए. गिरिजेश अपनी सर्च पार्टी को लीड कर रहे थे, जब जंगल की तरफ आहट हुई.

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