Innovation in Ujjain: मध्य प्रदेश की उज्जैन नगर निगम ने प्रदूषण से लड़ने और निगम के पैसे बचाने के लिए नवाचार कर भंगार की गाड़ियों को इलेक्ट्रिक बनाया गया है. फिलहाल 1 गाड़ी को 10 से 12 दिन के ट्रायल के बाद हरि झंडी मिल रही है. इससे निगम के काफी पैसे बचने की उम्मीद है.
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Innovation in Ujjain: राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन। नगर निगम के महापौर मुकेश टटवाल ने आगामी सिंहस्त पर्व को देखते हुए विकास कार्यो के लिए व नगर निगम का कर्जा चुकाने के लिए शासन से करीब 125 करोड़ रु की राशि की मांग की है तो वहिं दूसरी और नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों ने कमाल कर दिखाया है. कमाल यह कि भंगार में पड़ी कचरा वाहन गाड़ी को मोडिफाइड कर इलेक्ट्रॉनिक वाहन में कन्वर्ट कर दिया है, जो प्रदूषण और डीजल के खर्चे दोनो से ही बचाएंगी.
फायर ऑफिसर के निर्देशन में हुआ कमाल
निगम की अभी 1 गाड़ी को 10 से 12 दिन के ट्रायल के बाद हरि झंडी मिली है. निगम वर्कशॉप प्रभारी व फायर ऑफिसर विजय गोयल के निर्देशन में इन्हें तैयार किया गया है. विजय गोयल का कहना है 20 से 25 और ऐसी गाड़िया है, जिन्हें जल्द इलेक्ट्रॉनिक में कन्वर्ट कर सड़को पर उतारा जाएगा. इतना ही नहीं तामाम अधिकारियों की गाड़ियों को ई-व्हीकल करने की तैयारियां है.
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इलेक्ट्रिक कचरा संग्रहण गाड़ी की खासियत
- इंजन और गियर बॉक्स हटाकर 120 एम्पियर की बैटरी लगाई
- बैटरी 3.5 घण्टे में होती है फूल चार्ज
- बिना क्लच के चलेगी 500KG तक का वज़न उठाएगी
- गाड़ी में हाईड्रोलिक भी लगा है.
- डेढ़ लाख रुपये खर्च आया, एक चार्ज में 180 KM चलेगी
- 20, 40 और 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की थ्री लेवल स्पीड में चलेगी गाड़ी
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10 से 12 दिन ट्रायल के बाद मिल रही मंजूरी
उज्जैन में इन दिनों सैकड़ों कचरा संग्रहण वाहन चल रहे हैं, इनके संचालन और मेन्टेन्स में निगम को लाखों रूपये महीना खर्च करना पड़ रहा है. अब निगम ने नवाचार करते हुए निगम के वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने की योजना बनाई गई है. एक वाहन बनाने में व 10 से 12 दिन के ट्रायल के बाद निगम को सफलता भी मिली है. अब उम्मीद जताई जा रही है कि ये प्रोजेक्ट पूरी तरह से सफल हो, जिससे निगम के पैसों में बचत हो.
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अधिकारियों के वाहन होंगे ई-व्हीकल
उज्जैन नगर निगम एमआईसी मेंबर रजत मेहता और उपायुक्त संजेश गुप्ता ने इस जुगाड़ वाहन का अवलोकन किया है. इस दौरान वर्कशॉप प्रभारी विजय गोयल ने बताया कि निगम के पण्ड्याखेड़ी स्थित डिपो पर खड़े 20 से 25 ख़राब वाहनों का भी अब उपयोग किया जा सकता है. इन वाहनों से निगम का खर्च बचेगा ही साथ ही प्रदुषण भी कम होगा. हमारा प्रयास है अधिकारियों की गाड़ियों को भी ई व्हीकल किया जाए.
निगम को होगी लाखों की बचत
वर्तमान में निगम की कचरा संग्रहण गाड़ी में 5 से 7 लीटर डीज़ल की खपत हो रही है. इलेक्ट्रिक गाड़ी सफल हुई तो निगम को लाखों रुपयों का फायदा होगा. विजय गोयल ने बताया कि कचरा वाहन गाड़ी को इलेक्ट्रॉनिक बनाने में करीब 1.5 से 2 लाख का खर्च आया है. अगर वाहन ज्यादा डैमेज है तो पैसा और लगता है फिलहाल सफलता मिली है आगे प्रयास जारी है. इससे निगम के खर्चे बचेंगे.