MP Politics: लाख कोशिशों के बाद भी नहीं माने जोशी, आखिर 'कमल' छोड़ दीपक ने थामा 'हाथ'
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MP Politics: लाख कोशिशों के बाद भी नहीं माने जोशी, आखिर 'कमल' छोड़ दीपक ने थामा 'हाथ'

Deepak Joshi Joins Congress: मालवा क्षेत्र में  अब तक 'कमल' खिलाने वाले बड़े नेता दीपक जोशी आज कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. ये मध्य प्रदेश BJP के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है क्योंकि मालवा अंचल में दीपक जोशी की अच्छी पकड़ है. ऐसे में इस साल विधानसभा चुनाव से पहले ही जोशी का दल बदलना आगामी विधानसभा चुनाव में BJP पर बड़ा असर दिखा सकता है. जोशी अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी की तस्वीर लेकर कांग्रेस कार्यालय पहुंचे और पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.   

MP Politics: लाख कोशिशों के बाद भी नहीं माने जोशी, आखिर 'कमल' छोड़ दीपक ने थामा 'हाथ'

MP Political News: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे और प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने आखिरकार हाथ (कांग्रेस) से हाथ मिला लिया है. BJP की लाख कोशिशों और एड़ी-चोटी के जोर के बाद भी दीपक नहीं माने और कांग्रेस में शामिल हो गए. सबसे पहले वे 74 बंगले स्थित सरकारी आवास बी-30 यानी PCC चीफ कमलनाथ के बंगले पहुंचे. यहां से अपने पिता कैलाश जोशी की तस्वीर लेकर कांग्रेस कार्यालय के लिए रवाना हुए. पूर्व CM कमलनाथ ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. 

बहन ने लगाया तिलक
दीपक जोशी के रवाना होने से पहले सुरेंद्र वर्मा और शहर कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता उनके घर पहुंचे. इस मौके पर जोशी की बड़ी बहन ने उन्हें मंगल तिलक लगाया. तो वहीं समर्थकों ने उन्हें फरसा देकर रवाना किया. इसके बाद दीपक देवास से भोपाल के लिए रवाना हुए. 

पिता को किया याद
देवास से भोपाल के लिए रवाना होने पहले दीपक जोशी ने अपने पिता को याद करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा- समय ही हर बात सिद्ध करेगा.ईमानदारी मेरी विरासत है, मेरी पूंजी है, वो मेरे साथ हैं. प्रणाम पिताजी. जय हिंद. जय परशुराम. जय श्री राम.

 

 

BJP की लाख कोशिशें रहीं नाकाम

BJP प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित कई नेताओं ने दीपक जोशी से बंद कमरे में दीपक जोशी को रोकने के लिए चर्चा की, लेकिन हालात नहीं सुधरे. प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव और BJP के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा के चिट्ठी लिखने और वाट्सअप कॉल पर बातचीत भी की. पार्टी की लाख कोशिशों और एड़ी-चोटी का जोर भी किसी काम नहीं आया. दीपक ने ठान लिया था और उन्हें रोकने में BJP सफल नहीं हो पाई. 

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आखिर क्यों उठे बगावती स्वर
राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक पार्टी में पर्याप्त हिस्सेदारी न मिलने से दीपक जोशी समेत कई नेताओं में नाराजगी है. ये नारजगी शुरु हुई सिंधिया समेत 22 समर्थकों के BJP में शामिल होने से. माना जा रहा है कि दीपक जोशी ने हाटपीपल्या से इस साल विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए टिकट की मांग की थी, जिसे अनसुना कर दिया गया. इसी तरह BJP में और कई बड़े चेहरे हैं, जिन्हें पार्टी टिकट के लिए अनदेखा कर रही है. ऐसे में जल्द ही और कई बड़े चेहरे बागी बनकर सामने आ सकते हैं. 

पड़ेगा 2023 चुनाव पर असर
दीपक जोशी के कांग्रेस का शामिल होने का असर यकीनन इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर BJP में पड़ेगा. दीपक जोशी के पिता कैलाश जोशी में BJP के संस्थापक सदस्य रहे हैं. साथ ही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भी. मालवा क्षेत्र में दोनों की ही अच्छी पैठ है. साथ ही दीपक जोशी मालवांचल में बड़ा चेहरा भी हैं. ऐसे में कांग्रेस को मुनाफा और BJP को घाटा हो सकता है. 

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