डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है और साथ ही उसे रोजमर्रा के कामों में तालमेल बिठाने में भी दिक्कत होती है.
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नई दिल्लीः सर्दियों का मौसम चल रहा है और इस मौसम में धूप सेंकने का मजा ही कुछ और है लेकिन क्या आप जानते हैं कि धूप से ना सिर्फ हमारा शरीर गर्म रहता है बल्कि इससे हमें विटामिन डी भी मिलता है और इससे हड्डियां कमजोर नहीं होती. रिसर्च में पता चला है कि विटामिन डी का डिमेंशिया से भी कनेक्शन है. डिमेंशिया में लोग बुढ़ापे में भूलने की बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं.
क्या है डिमेंशिया
डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है और साथ ही उसे रोजमर्रा के कामों में तालमेल बिठाने में भी दिक्कत होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया में साढ़े पांच करोड़ लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं और साल 2030 तक इनकी संख्या बढ़कर 7.8 करोड़ हो जाएगी.
विटामिन डी अहम
अध्ययन में पता चला है कि जिन लोगों में विटामिन डी की कमी होती है, उनमें डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है. सर्दियों के मौसम में लोगों में विटामिन डी की कमी हो जाती है. ऐसे में डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ जाता है. इसलिए सर्दियों में जमकर धूप सेकें. विटामिन डी की कमी से बच्चों में सूखा रोग जैसी बीमारी भी हो सकती है.
बता दें कि विटामिन डी सूरज की धूप के अलावा कोड लिवर ऑयल, सालमन मछली, स्वोर्ड फिश, टूना मछली, संतरे के जूस में, डेयरी प्रोडक्ट्स में, अंडे में पाया जाता है. हालांकि हमारी जरूरत का अधिकांश विटामिन डी हमें सूरज की किरणों से मिल सकता है लेकिन उसके लिए हमें सनस्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और साथ ही पूरी तरह से कवर कपड़े भी नहीं पहनने चाहिए. धूप में कम समय बिताने वाले लोगों को भी विटामिन डी की कमी हो सकती है इसलिए धूप में पर्याप्त समय बिताएं.
(डिस्कलेमर- यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी और विभिन्न लेखों पर आधारित है. जी मीडिया इनकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है. कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह से ही काम करें.)