BJP का 2023 पर फोकस, पूर्व विधायक की पार्टी में वापसी, बदल सकते हैं इस सीट के समीकरण
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BJP का 2023 पर फोकस, पूर्व विधायक की पार्टी में वापसी, बदल सकते हैं इस सीट के समीकरण

भोपाल स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पूर्व विधायक सीएम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के समक्ष पार्टी में घर वापसी कर ली. 

BJP का 2023 पर फोकस, पूर्व विधायक की पार्टी में वापसी, बदल सकते हैं इस सीट के समीकरण

भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. पार्टी एक तरफ विपक्षी पार्टी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को अपने दल में शामिल कराने में जुटी है, तो अब ऐसे नेताओं की घर वापसी भी शुरू हो गई है जिन्होंने पिछले चुनाव में किसी वजह से पार्टी से बगावत कर दी थी. आज विंध्य अंचल के एक पूर्व विधायक की सीएम शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने घर वापसी करा दी, जिससे सीधी जिले की सिहावल सीट के समीकरण बदल सकते हैं. 

पूर्व विधायक की घर वापसी 
दरअसल, सीधी जिले की सिहावल सीट से बीजेपी विधायक रह चुके विश्वामित्र पाठक ने 2018 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने की वजह से वगावत कर दी थी, पाठक ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, जिससे इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी का नुकसान हुआ था और कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. हालांकि आज विश्वामित्र पाठक ने फिर से बीजेपी ज्वाइन कर ली. सीएम शिवराज और वीडी शर्मा ने उन्हें फिर से बीजेपी की सदस्यता दिलाई. 

कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी ज्वाइन की पार्टी 
भोपाल स्थित बीजेपी प्रदेश कार्यालय में पूर्व विधायक विश्वामित्र पाठक के साथ उनके बेटे अजय पाठक जोकि सिंगरौली जिले के पूर्व जिला अध्यक्ष है, उन्होंने भी बीजेपी की सदस्यता ले ली. इस दौरान दोनों नेताओं के साथ कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया. 

सिहावल सीट पर बदल सकते हैं समीकरण 
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पूर्व विधायक विश्वामित्र पाठक की घर वापसी से सीधी जिले की सिहावल विधानसभा सीट पर समीकरण बदल सकते हैं. क्योंकि इस सीट पर 2018 के विधानसभा चुनाव में
बीजेपी की हार की वजह विश्वामित्र पाठक की बगावत ही बनी थी. 

2008 के विधानसभा चुनाव में विश्वामित्र पाठक पूर्व मंत्री इंद्रजीत पटेल को हराकर विधायक बने थे. 2018 में भी टिकट कटने की वजह से नाराज होकर विश्वामित्र पाठक निर्दलीय खड़े हुए थे और लगभग 28000 से ज्यादा वोट मिले थे. जिसके चलते भाजपा को इस सीट पर करारी हार मिली थी. 2018 में कांग्रेस की तरफ से कमलेश्वर पटेल ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी, जो बाद में कमलनाथ सरकार में मंत्री भी बने थे. खास बात यह है कि सिहावल में पटेल और ब्राह्मण बोटर ज्यादा है. ऐसे में 2023 में इस सीट पर मुकाबला रोचक हो सकता है. 

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