सतना जिले के चित्रकुट स्थित सिद्धा पहाड़ को सरकार लीज पर देने की तैयारी कर रही थी, जिसको लेकर स्थानीय लोगों सहित साधु-संतों में काफी आक्रोश था. इसकी खबर ZEE MPCG ने इसकी प्रमुखता से दिखाई, जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सतना जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि यहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा.
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प्रमोद शर्मा/भोपालः भगवान श्री राम की कर्म भूमि 84 कोसीय चित्रकूट क्षेत्र स्थित सिद्धा पहाड़ जहां पर माना जाता है रामायण काल में प्रभु राम ने राक्षसों के वध की प्रतिज्ञा ली थी, उसे सरकार खनिज कारोबारियों को देने की तैयारी कर रही थी. इसको लेकर लोग विरोध करना शुरू कर दिए और जिले भर में आक्रोश की स्थिति निर्मित हो गई. भारतीय संस्कृति की धरोहर बचाने को लेकर ZEE MP CG ने प्रमुखता से खबर दिखाई, जिसके बाद आज सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सिद्धा पहाड़ पर उत्खनन नहीं होने के निर्देश दिए हैं.
सीएम शिवराज ने किया ट्वीट
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीटर पर लिखा है कि "सिद्धा पहाड़, सतना जैसे अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर स्थान जो हमारे आस्था और श्रद्धा के केंद्र हैं, यहां की पवित्रता को अक्षुण्य रखा जाएगा. यहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा. सतना जिला प्रशासन को निर्देश दे दिए गए हैं."
सिद्धा पहाड़, सतना जैसे अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर स्थान जो हमारे आस्था और श्रद्धा के केंद्र हैं, यहां की पवित्रता को अक्षुण्य रखा जाएगा । यहां उत्खनन किसी कीमत पर नहीं होगा। सतना जिला प्रशासन को निर्देश दे दिए गए है।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 2, 2022
जिले भर के लोगों में था आक्रोश
राज्य शासन द्वारा पहाड़ी खनन देने की प्रक्रिया शुरु होते ही जिले भर के लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा था. स्थानीय साधु संतो का कहना था कि यदि इस सिद्धा पहाड़ की खुदाई की अनुमति मिल जाती है तो कुछ सालों में धार्मिक और एतिहासिक महत्व का यह पहाड़ नक्शे से गायब हो जाएगा और प्रभ राम के प्रतिज्ञा का कोई अस्तित्व नहीं बचेगा. खबर को zee mpcg ने प्रमुखता से चलाया, जिसके बाद आज सीएम शिवराज सिंह चौहान ने किसी कीमत पर खनन न होने के निर्देश दिए हैं.
साधु संतो के अस्थियों से बना है ये पहाड़
भगवान राम का जन्म भले ही अयोध्या में हुआ था. लेकिन वनवास काल में उनकी अधिकांश लीलाएं चित्रकूट में संपन्न हुई. रामचरित मानस में अरण्यकांड में उल्लेख है कि भगवान राम जब चित्रकूट से आगे की ओर बढ़े तो सिद्धा पहाड़ मिला. यह पहाड़ अस्थियों से बना था. तब राम को ऋषि-मुनियों ने बताया कि यहां राक्षस कई साधु संतो व ऋषि मुनियों को खा गए हैं और यह अस्थियां उन्हीं मुनियों की हैं तो भगवान राम ने इसी स्थान पर राक्षसों के विनाश की प्रतिज्ञा ली थी.
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