आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए भारत यदुवंशी का पार्थिव शरीर शुक्रवार को घर पहुंचेगा
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सचिन गुप्ता / छिंदवाड़ा: कश्मीर के बारामूला में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में सैनिक भारत पिता ओमप्रकाश यदुवंशी शहीद हो गए. जिला मुख्यालय से लगे ग्राम रोहनाकला निवासी भारत यदुवंशी भारतीय थल सेना में सैनिक के पद पर पदस्थ थे. वर्तमान में वे कश्मीर के बारामूला इलाके में पदस्थ थे. बुधवार को गश्त करते समय आतंकवादियों के साथ सैन्य कार्रवाई में वो वीरगति को प्राप्त हुए. शहीद का पार्थिव शरीर 17 जून को छिंदवाड़ा पहुंचेगा.
वर्ष 2016 में भारतीय सेना की भर्ती में शामिल होने के बाद और सभी परीक्षाओं को पास करने के बाद भारत यदुवंशी सैनिक के पद पर चयनित हुए. उन्होंने प्राथमिक, हाईस्कूल व हायर सेकंडरी तक की शिक्षा शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल रोहनाकला से ही पूरी की थी और छिंदवाड़ा के डी.डी. सी. कॉलेज से बी. कॉम किया. उन्हें शुरुआत से ही सेना में जाने का जूनन था. भारत यदुवंशी ने भारत माता की सेवा और रक्षा का संकल्प लिया था.
पहले ही प्रयास में भारत हुए थे सेना में चयनित
खेती में माता-पिता का हाथ बंटाने के साथ ही उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की. पहले ही प्रयास में वे सेना में चयनित हो गए और देश की सेवा के लिए भारतीय सेना में शामिल हो गए. पिछले एक साल से वह कश्मीर के बारामूला में तैनात थे. परिवार के सदस्यों का कहना है कि जिस जगह सैनिक भारत तैनात थे, वो अकेले दम पर मोर्चा संभाल रहे थे. आतंकवादियों से लड़ते हुए बुधवार को जिले के वीर सपूत वीरगति को प्राप्त हुए.
पीछे छोड़ गए भरा पूरा परिवार
शहीद भारत के पिता ओमप्रकाश उर्फ गुड्डू यदुवंशी एक सामान्य किसान हैं. माता सुशीला यदुवंशी गृहिणी हैं. परिवार में एक बहन सोनम, एक छोटा भाई नारद यदुवंशी है. पत्नी उर्मिला की दो बेटियां यशी और अप्पू हैं और वो गर्भवती भी है. पति की शहादत की खबर मिलते ही वह शांत है और किसी से बात नहीं कर पा रही. बेटे को याद कर मां बार-बार बेहोश हो रही है. गांव में मातम का माहौल है. शहीद के घर पहुंचने वालों का तांता लगा हुआ है. सिपाही की चार साल पहले ही शादी हुई थी. छोटा भाई भी आर्मी में है और फिलहाल कश्मीर के पुलवामा में तैनात है.