छत्तीसगढ़ में लाखों सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म, 4 चरणों में हुआ था आंदोलन
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छत्तीसगढ़ में लाखों सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म, 4 चरणों में हुआ था आंदोलन

छत्तीसगढ़ में बीते 12 दिन से जारी अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित हो गई है. प्रदेश के कुल 5 लाख कर्मचारियों ने महंगाई भत्ता और एचआरए के लिए पूरे प्रदेश में 4 चरणों में आंदोलन किया था.

छत्तीसगढ़ में लाखों सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल खत्म, 4 चरणों में हुआ था आंदोलन

चुन्नीलाल देवांगन/रायपुर: छत्तीसगढ़ में बीते 12 दिन से जारी अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित हो गई है. सरकार की ओर से कर्मचारियों की मांग पर आश्‍वासन दिए जाने के बाद संगठन ने हड़ताल को वापस ले लिया. बता दें कि फेडरेशन 34% महंगाई और 7वें वेतनमान की मांग को लेकर ही हड़ताल पर थे.

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4 चरणों में हुआ आंदोलन
हड़ताल स्थगित करने से पहले कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने कहा कि महंगाई भत्ता और एचआरए के लिए पूरे प्रदेश में 4 चरणों में आंदोलन किया. दूसरे चरण में जो आंदोलन हुआ, उसमें 5 दिन पूरे प्रदेश में शासकीय कार्यालय बंद रहे थे. 22 अगस्त से जो अनिश्चितकालीन हड़ताल हुआ इसमें सभी संघ शामिल हुए. 

सीएम हमारी मांग को लेकर चिंतित
संयोजनक ने कहा कि अपने मौलिक अधिकार के लिए हमने जो संदेश दिया वह आपके सामने है. मंत्री रविन्द्र चौबे के साथ लगातार संवाद हो रहा था. मंत्री जी के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री से बात हुई और मुख्यमंत्री की पहल पर मुख्य सचिव के साथ चर्चा हुई. जिसमें हमने सुझाव दिया. कोर कमेटी की बैठक में बात हुई कि हमारी मांगों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी चिंतित है. 

मांग पूरी हो वरना फिर आंदोलन
संयोजक कमल ने कहा कि हमें मालूम है कि हमारे हड़ताल के कारण प्रदेश की जनता को काफी दिक्कते हुई, स्कूल बंद रहे. हमारी मांगों को सरकार ने सहानुभूति पूर्वक लिया है और यदि आने वाले समय पर मांगे पूरी नहीं होती तो आगे भी और आंदोलन किया जाएगा. 

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5 लाख कर्मचारी शामिल हुए  
बता दें कि हड़ताल में प्रदेशभर के करीब पांच लाख कर्मचारी शामिल हुए. हड़ताल में कलेक्ट्रेट, तहसील के साथ ही कृषि, वन विभाग, समाज कल्याण विभाग, स्कूल शिक्षा समेत 52 विभिन्ना विभाग के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं. इनके साथ ही 23 जिलों में जिला न्यायालय, कुटुंब न्यायालय, परिवार न्यायालय भी बंद हैं. जिसकी वजह से कई मामले लंबित हो गए है.

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