मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय के चुनावों में ग्वालियर में कांग्रेस की नीति पर बीजेपी ने सवाल खड़ा कर दिया है. बीजेपी ने कहा कि इस मुकाबला कांग्रेस से नहीं बल्कि एक परिवार से है. कांग्रेस ने बीजेपी से गए सिकरवार को पहले विधायक बनाया और अब उनकी पत्नी को भी मेयर का टिकट दे दिया.
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ग्वालियर: नगरीय निकाय चुनाव में जुबानी जंग लगातार जारी है. बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि ग्वालियर नगर निगम में इस बार बीजेपी का मुकाबला कांग्रेस से नहीं बल्कि एक परिवार विशेष से है क्योंकि प्रत्याशी के साथ कांग्रेस कहीं नजर नहीं आ रही है. इस बात पर बीजेपी, कांग्रेस को उसी के ग्राउंड पर घेर रही है. इस पर कांग्रेस ने इस आरोप को हास्यापद बताया.
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पति बने विधायक, पत्नी को भी दिया मेयर का टिकट
इसके पीछे कारण यह है कि भाजपा छोड़ कांग्रेस में गए डॉ. सतीश सिकरवार को पार्टी ने पहले विधायक प्रत्याशी बनाया, उसके बाद अब उनकी पत्नी को महापौर प्रत्याशी बना दिया जिससे कांग्रेस के कार्यकर्ता नाराज हैं. वह प्रचार करने के लिए नहीं निकल रहे हैं.
बीजेपी के बयान को कांग्रेस ने बताया हास्यापद
ऐसे में सिकरवार परिवार, अकेला ही चुनावी मैदान में है. हालांकि बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने सफाई देते हुए कहा कि बीजेपी का यह बयान बेहद हास्यास्पद है. कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता अलग-अलग वार्डो में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. मैं खुद भी लगातार पार्षद और महापौर प्रत्याशियों के समर्थन में जनसंपर्क में हूं. उनकी पार्टी के बड़े नेता भी लगातार मैदान में हैं.
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मेयर का टिकट घोषित होने पर हो गया था विवाद
गौरतलब है कि जब डॉ. शोभा सिकरवार का टिकट घोषित हुआ था. उस समय कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने टिकट को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए इस्तीफे की पेशकश की थी. हालांकि बाद में आलाकमान ने उन्हें मना लिया था. यही कारण है कि बीजेपी, कांग्रेस प्रत्याशी के अलग-थलग पड़ने पर बयान दे रही है.