Road Accident: भिंड में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापारवाही, फैक्चर पैर में लगाया गत्ता
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Road Accident: भिंड में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापारवाही, फैक्चर पैर में लगाया गत्ता

प्रदीप शर्मा/भिंडः  जिले के रौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां सड़क हादसे में घायल हुए एक शख्स के पैर में फैक्चर होने पर कच्चा प्लास्टर लगाने के बजाय कागज का गत्ता बांध कर पट्टी कर दी गयी. उसके बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.

Road Accident: भिंड में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापारवाही,  फैक्चर पैर में लगाया गत्ता

प्रदीप शर्मा/भिंडः  जिले के रौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां सड़क हादसे में घायल हुए एक शख्स के पैर में फैक्चर होने पर कच्चा प्लास्टर लगाने के बजाय कागज का गत्ता बांध कर पट्टी कर दी गयी. उसके बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. युवक के फैक्टर पैर में पट्टी बांधना कहीं न कहीं  रौन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन की बड़ी लापरवाही दर्शाता है. इस लापरवाही को देखकर जिला अस्पताल भी हैरान है.

जानिए पूरा मामला
मिली जानकारी के मुताबिक भिंड जिले के मिहोना थाना क्षेत्र में ग्राम अतियनपुरा गांव में बाइक सवार उत्तर प्रदेश निवासी पूरन सिंह को अज्ञात चार पहिया वाहन ने टक्कर मार दी. जिसकी वजह से बाइक पर सवार पूरन और उसका जीजा घायल हो गए हादसे में पूरन के पैर में फैक्चर हो गया. पूरन ने बताया कि हादसे के बाद दोनों को रौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. जहां उसे एक इंजेक्शन लगाने के बाद पैर पर गत्ता लगाकर पट्टी कर दी गई और भिंड जिला अस्पताल रेफर कर दिया. पूरन के जिला अस्पताल पहुंचने पर मीडिया की उस पर नजर पड़ गयी. जिसके बाद मीडिया कर्मियों के वीडियो बनाने की जानकारी अस्पताल प्रबंधन को लगी तो आनन-फानन में जिला अस्पताल प्रबंधन ने घायल पूरन की पट्टी हटवा के तुरंत प्लास्टर कराया.

जानिए क्या कहा डॉक्टर ने
हालांकि इस संबंध में रौन अस्पताल प्रभारी से संपर्क नहीं हो सका. वहीं जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गोयल ने फोन पर बताया कि रौन में घायल को पट्टी करने के बाद गत्ता लगाया गया था, जो टेक्निकली गलत नहीं है, क्यूंकि ऐसे मामलों में रेफर किये गए मरीज को वाहन में ले जाते समय पैर को "स्टेब्लाइज" यानी स्थिर करना होता है, जिसके लिए लकड़ी या किसी भी चीज का इस्तेमाल सपोर्ट के लिए किया जा सकता है, जिससे जरूरत पूरी हो सकती है. हालांकि सीएचसी होने की वजह से वहां कच्चा प्लास्टर करना चाहिए था. लेकिन इस परिस्थिति में भी कुछ गलत नहीं किया गया है.

आपको बता दें ये पहला मौका नहीं है, जब इस तरह के हालत बने हैं, कुछ समय पहले मुरैना अस्पताल में भी एक घायल शख्स के सिर पर कंडोम का रैपर लगाकर पट्टी किए जाने की तस्वीरें सामने आयी थी, लगातार लापरवाहियों के बावजूद इस तरह की तस्वीरें स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

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