केंद्र की सरकारों में बढ़ रही MP की हिस्सेदारी, 2004 से 2024 तक NDA और UPA में मिले इतने मंत्री
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केंद्र की सरकारों में बढ़ रही MP की हिस्सेदारी, 2004 से 2024 तक NDA और UPA में मिले इतने मंत्री

Amarwara Assembly By Election: निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश की एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है, कांग्रेस विधायक के इस्तीफे की वजह से यह सीट खाली हुई थी. 

केंद्र सरकारों में मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी

Modi Cabinet Ministers: मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए बने केंद्रीय मंत्रिमंडल में इस बार मध्य प्रदेश को अच्छी तव्वजो मिली है. प्रदेश सरकार में इस बार पांच लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद को मिलाकर कुल 6 मंत्री बनाए गए हैं. पिछली कुछ केंद्र सरकारों के मंत्रिमंडल पर नजर डाली जाए तो देखने में मिलता है कि धीरे-धीरे केंद्र सरकारों में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व अब बढ़ने लगा है. मध्य प्रदेश में इस बार बीजेपी ने सभी 29 लोकसभा सीटें जीती हैं. 

पांच मंत्रियों ने ली शपथ 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत कर दी है, मोदी सरकार में यह पहला मौका है, जब एक साथ एमपी से पांच मंत्रियों ने शपथ ली है, जबकि अगर में इसमें एक राज्यसभा सांसद एल मुरुगन को और मिला दिया जाए तो यह संख्या 6 पहुंच जाती है. जिससे माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश का वजन अब केंद्र सरकार में बढ़ रहा है. क्योंकि 29 लोकसभा सीटें जीतने से पहले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था. जिसके चलते अब केंद्र सरकार में भी मध्य प्रदेश को अच्छा प्रतिनिधित्व मिल रहा है. 

NDA-3 में एमपी के मंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 3.0 कैबिनेट में मध्य प्रदेश के पांच लोकसभा सांसद और एक राज्यसभा सांसद मंत्री बनाए गए हैं. इस बार डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक, ज्योतिरादित्य सिंधिया, शिवराज सिंह चौहान, दुर्गादास ऊइके और सावित्री ठाकुर ने शपथ ली है, जबकि तमिलनाडू से आने वाले मध्य प्रदेश के राज्यसभा सांसद एल मुरुगन भी मंत्री बनाए गए हैं. इस तरह इस बार को मोदी मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या 6 है. 

2019 से 2024 के बीच इतने मंत्री 

वहीं मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की बात की जाए तो मध्य प्रदेश से नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रहलाद सिंह पटेल को शामिल किया गया था. बात में 7 जुलाई 2021 को मोदी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था, जिसमें दो और मंत्रियों को शामिल किया गया था. थावरचंद गहलोत कर्नाटक के राज्यपाल बने थे, ऐसे में उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. उनकी जगह डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. जबकि कांग्रेस से बीजेपी में आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी मंत्री बनाया गया था. इसी तरह एमपी के कोटे से राज्यसभा सांसद धर्मेंद्र प्रधान और एल मुरुगन भी कैबिनेट में शामिल हुए थे. इस तरह 2019 से 2024 के बीच मध्य प्रदेश से मंत्रियों की सात रही थी. 

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2014 से 2019 के बीच 7 मंत्री 

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की शुरुआत 2014 से हुई थी. तब सुषमा स्वराज, नरेंद्र सिंह तोमर और थावरचंद गेहलोत के साथ फग्गन सिंह कुलस्ते को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. बाद में मंत्रिमंडल के विस्तार में अनिल माधव दवे और एमजे अकबर को राज्यमंत्री बनाया गया था, जबकि फग्गन सिंह कुलस्ते की जगह डॉ. वीरेंद्र खटीक को राज्यमंत्री बनाया गया था. वहीं तब की सरकार में मध्य प्रदेश के कोटे से प्रकाश जावड़ेकर भी मंत्रिमंडल में शामिल रहे थे. 

यूपीए-1 में एमपी की हिस्सेदारी 

वहीं बात अगर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए-1 की जाए तो प्रदेश से अर्जुन सिंह, कमलनाथ, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया को शामिल किया गया था. कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी और सिंधिया को मंत्रिमंडल के विस्तार में शामिल किया गया था. तब प्रदेश के 5 मंत्री शामिल थे. 

यूपीए-2 में एमपी के मंत्री 

यूपीए-2 सरकार 2009 से 2014 के बीच चली थी. इस सरकार में कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया को जगह मिली थी. बाद में मंत्रीमंडल के विस्तार में कांतिलाल भूरिया और अरुण यादव को शामिल किया गया था. इस सरकार में मध्य प्रदेश से केवल चार मंत्री शामिल थे. 

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