मुरैना में मास्टरस्ट्रोक खेलने की तैयारी में BJP, 6 बार के कांग्रेस MLA थाम सकते हैं भाजपा का दामन
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मुरैना में मास्टरस्ट्रोक खेलने की तैयारी में BJP, 6 बार के कांग्रेस MLA थाम सकते हैं भाजपा का दामन

Morena Lok Sabha Seat: चंबल की सियासत से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है, बताया जा रहा है 6 बार के कांग्रेस विधायक बीजेपी में शामिल हो सकते हैं, अगर ऐसा होता है तो यह चंबल में बड़ा फेक्टर साबित होगा. 

चंबल में मास्टरस्ट्रोक खेलने की तैयारी में बीजेपी

Congress MLA Ramniwas Rawat: लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को अब तक कई झटके लग चुके हैं, लेकिन अब चंबल में बीजेपी कांग्रेस के खिलाफ मास्टरस्ट्रोक खेलने की तैयारी में हैं. बताया जा रहा है कि 6वीं बार कांग्रेस की तरफ से विधायक चुने गए पार्टी के कद्दावर नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो मुरैना लोकसभा सीट के साथ-साथ ग्वालियर और गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर भी इसका बड़ा असर हो सकता है. क्योंकि कांग्रेस के यह विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी रहे हैं. ऐसे में अगर वह कांग्रेस छोड़ते हैं तो बड़ा सियासी उलटफेर माना जा सकता है. 

रामनिवास रावत बीजेपी में हो सकते हैं शामिल 

दरअसल, श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से 6वीं बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए सीनियर नेता रामनिवास रावत की बीजेपी में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं. बताया जा रहा है कि रामनिवास रावत मुरैना में होने वाली पीएम मोदी की सभा में अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. चर्चा यह भी है कि बीजेपी में रामनिवास रावत को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. बताया जा रहा है कि रावत कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं, वह मुरैना लोकसभा सीट पर कांग्रेस की तरफ से टिकट के दावेदार भी थे. हालांकि अब तक रावत की तरफ से इसको लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है. 

मुरैना में हो सकता है मास्टरस्ट्रोक 

अगर रामनिवास रावत कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होते हैं तो मुरैना लोकसभा सीट पर यह बीजेपी का मास्टरस्ट्रोक हो सकता है. दरअसल, मुरैना  लोकसभा सीट पर जातिगत समीकरण अहम माने जाते हैं. मुरैना में इस बार बीजेपी ने पूर्व विधायक शिवमंगल सिंह तोमर को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने नीटू सिकरवार को उम्मीदवार बनाया है. दोनों ही नेता सवर्ण वर्ग (ठाकुर) से आते हैं. बसपा ने यहां व्यापारी वर्ग से आने वाले रमेश चंद्र गर्ग को टिकट दिया है. ऐसे में मुरैना के जातिगत समीकरण फिलहाल उलझे नजर आ रहे हैं. मुरैना में ओबीसी वर्ग का भी दबदबा माना जाता है. रावत इसी मीणा समाज से आते हैं, जो फिलहाल चुनावों में किंगमेकर की भूमिका में नजर आ रहा है. ऐसे में अगर रामनिवास रावत बीजेपी में आते हैं ओबीसी (मीणा) समाज का समर्थन बीजेपी को मिल सकता है, जो मुरैना के सियासी समीकरणों को बदल सकता है. 

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रामनिवास रावत अगर कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होते हैं तो इसका असर मुरैना के साथ पूरे चंबल अंचल में हो सकता है. क्योंकि ओबीसी वर्ग गुना-शिवपुरी, ग्वालियर और भिंड जिले में भी प्रभावी भूमिका में नजर आता है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के चुनाव हारने के बाद वह चंबल अंचल में कांग्रेस के सबसे सीनियर विधायक हैं, ऐसे में बीजेपी उन्हें अपने पक्ष में लाकर कांग्रेस को बड़ा झटका देने की तैयारी में है, जिसका असर लोकसभा चुनाव में दिख सकता है. 

सिंधिया के करीबी रहे हैं रावत 

खास बात यह है कि रामनिवास रावत की गिनती उन नेताओं में होती हैं, जो कांग्रेस में रहते वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे कराबियों में शामिल रहे हैं. हालांकि बाद में सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और रामनिवास रावत कांग्रेस में बने रहे. 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में रावत को जीत मिली थी. विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद उनका नाम नेता प्रतिपक्ष बनने की रेस में भी चला था. लेकिन पार्टी ने उमंग सिंघार पर भरोसा जताया. रावत चंबल अंचल में फिलहाल कांग्रेस का बड़ा चेहरा माने जाते हैं. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर रामनिवास रावत कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आते हैं तो इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया की भी अहम भूमिका हो सकती है. 

रामनिवास रावत का राजनीतिक करियर 

रामनिवास रावत फिलहाल श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं. रावत दिग्विजय सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं.  1993, 1998, 2003, 2008 और 2013 में वह लगातार विधायक चुने गए थे. लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में वह बीजेपी के सीताराम आदिवासी से चुनाव हार गए थे. पांच साल बाद 2023 के विधानसभा चुनाव में रामनिवास रावत 6वीं बार विजयपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. वह कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 2019 में उन्होंने मुरैना लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, जिसमें रावत को हार का सामना करना पड़ा था. 

श्योपुर से अजय राठौर की रिपोर्ट 

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