Vishwakarma Puja 2024: हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का काफी ज्यादा महत्व है. इस दिन लोग भगवान विश्वकर्मा की विधि विधान से पूजा- अर्चना करते हैं. जानिए इस बार कितनी तारीख को विश्वकर्मा पूजा है.
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Vishwakarma Puja 2024: हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का काफी ज्यादा महत्व है. पूरे देश भर में भगवान विश्वकर्मा की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है. इस दौरान लोग घर पर मांगलिक कार्यक्रम भी करते हैं. इस सृष्टि के रचयिता ब्रम्हा जी के सातवें पुत्र विश्वकर्मा भगवान के जन्मदिवस के दिन यह जयंती मनाई जाती है. इस बार 16 सितंबर को मनाई जाएगी. ऐसा माना जाता है कि भगवान विश्वकर्मा इस सृष्टि के पहले वास्तुकार, शिल्पकार और इंजीनियर थे जिन्होंने इस सृष्टि को सजाने और संवारने का काम किया था. आइए जानते हैं कि विश्वकर्मा पूजा का इस बार शुभ मुहूर्त कब है और इसका महत्व क्या है.
शुभ मुहूर्त
इस साल 16 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा है. इसका शुभ मुहूर्त 16 सितंबर को सुबह 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. इसके अलावा इस दिन रवि योग भी बन रहा है जो इस समय भी विश्वकर्मा पूजा करना काफी शुभ माना जाता है. शुभ मुहूर्त के दौरान लोग अपने वाहन फैक्ट्री और घर के औजारों की विधिवत पूजा कर सकते हैं.
पूजा विधि
विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह अपने घर और कारखाने में लगे मशीन-वाहन की धुलाई करें. इसके बाद स्नान करने के पश्चात भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. इसके बाद भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करते हुए मशीनों और वाहनों की पूजा कर सकते हैं.
पूजा के दौरान भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हुए उनकी प्रतिमा पर अक्षत, फुल, रोड़ी, मिष्ठान्न आदि चढ़ा सकते हैं. इसके बाद मशीनों और वाहनों में कलावे बांध सकते हैं. मान्यता है कि जो लोग इस दिन घर में रखे मशीनों की पूजा करते हैं वो जल्दी खराब नहीं होते हैं. भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से बिजनेस और आय में काफी ज्यादा बढ़ोत्तरी हो सकती है.
विश्वकर्मा पूजा महत्व
विश्वकर्मा पूजा प्रथम वास्तुकार, शिल्पकार और इंजीनियर माना गया है. ऐसे में इस दिन लोग अपने कारखानों में लगे औजारों-मशीनों की पूजा करते हैं. इस दिन वाहनों की भी पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जो लोग विश्वकर्मा पूजा के दिन विधि विधान से पूजा करते हैं पूरे वर्ष उनके वाहन, मशीनें कभी खराब नहीं होते हैं.
(पूजा विधि से जुड़ी हुई जानकारियां पं. सर्वेश शास्त्री के द्वारा दी गई है. इससे अपनाने से पहले पंडित जी की सलाह जरूर लें. )
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