Shardiya Navratri 1st Day: शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. यह त्योहार नौ दिनों तक चलता है और दसवें दिन विजयादशमी मनाई जाती है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है.
हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार शारदीय नवरात्रि इस साल 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा के साथ इस पर्व की शुरुआत होती है. आइए एस्ट्रोलॉजर डॉ.रुचिका अरोड़ा से जानते हैं देवी शैलपुत्री की पूजा विधि और घट स्थापना के शुभ मुहूर्त के बारे में.
नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि का दसवां दिन विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है. इस त्योहार के दौरान लोग व्रत रखते हैं, मंदिरों में जाते हैं और प्रार्थना करते हैं.
कलश स्थापना का पहला मुहूर्त सुबह 6:19 से 7:23 बजे तक है. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:52 से दोपहर 12:40 बजे तक है.
नवरात्रि के पहले दिन गाय पर सवार देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है. देवी शैलपुत्री गाय पर सवार होती हैं, इसलिए उन्हें गाय के दूध से बनी चीजें ही चढ़ाई जाती हैं.
मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूजा कक्ष को साफ करें और चौकी पर गंगाजल छिड़कें.
इसके बाद चौकी पर लाल या सफेद कपड़ा बिछाकर मां शैलपुत्री की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. कलश स्थापित करें और पूरे परिवार के साथ विधि-विधान से पूजा आरंभ करें.
मां शैलपुत्री को पंचामृत के अलावा आप देवी शैलपुत्री को खीर या दूध से बनी बर्फी का भोग लगा सकते हैं. इसके अलावा आप घी से बने हलवे का भी प्रसाद चढ़ा सकते हैं.
ट्रेन्डिंग फोटोज़